आत्महत्या करने में पुरुष महिलाओं से आगे
महिलाओं की अपेक्षा पुरुष ज्यादा आत्महत्या करते हैं। इसका खुलासा क्षेत्रीय फॉरेंसिक साइंस लैब धर्मशाला की रिपोर्ट में हुआ है।
जेएनएन, धर्मशाला। महिलाओं की अपेक्षा पुरुष ज्यादा आत्महत्या करते हैं। इसका खुलासा क्षेत्रीय फॉरेंसिक साइंस लैब धर्मशाला की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट में पांच साल के आंकड़ों का जिक्र किया गया है और यह भी साफ किया गया है कि आत्महत्या में ज्यादातर नर्म पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है।
क्षेत्रीय फॉरेंसिक साइंस लैब धर्मशाला में आत्महत्या के वर्ष 2009 से 2014 के दौरान आए आत्महत्या के 122 मामले सामने आए थे। इनमें 68.85 फीसद पुरुष तो 31.15 फीसद महिलाएं शामिल थी। आंकड़ों के मुताबिक महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों के आत्महत्या का आंकड़ा दोगुने से भी ज्यादा है। क्षेत्रीय फॉरेंसिक साइंस लैब धर्मशाला के सहायक निदेशक एवं रेंज प्रवक्ता डॉ. एसके पॉल व केमेस्ट्री डिवीजन के डॉ. राजेश कुमार जंबाल ने कनार्टक के बेंगलूरू में देशभर के वैज्ञानिकों के समक्ष दो दिवसीय फॉरेंसिक साइंस निदेशालय के सम्मेलन में प्रेजेंटेशन भी रखी। फंदे के लिए नर्म पदार्थो का ज्यादा इस्तेमाल फंदा लगाने के लिए नर्म पदार्थों का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। नर्म पदार्थों में चुन्नी व दुपट्टे का सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है। नर्म पदार्थों में 52.47 फीसद मामलों में उपयोग किया जाता है, जिसमें चुन्नी व दुपट्टे का 40.16 फीसद प्रयोग होता है। सख्त पदार्थों जैसे रस्सी, नवार व इलेक्ट्रिक वायर व रबड़ का 47.45 फीसद प्रयोग आत्महत्या के लिए होता है। 43.44 फीसद रस्सी का प्रयोग किया जाता है।
आत्महत्या के लिए स्वीट प्वायजन की ओर ज्यादा रुख बढ़ा है। इससे पहले लोग पेनफुल प्वायजन का प्रयोग करते थे लेकिन अब कीटनाशक दवाइयों व निवान, टिक-20 आदि को खाने की जगह शराब के साथ दवाओं की ओवरडोज कर मौत को गले लगा रहे हैं। यह है आत्महत्या की वजह रिपोर्ट के मुताबिक आत्महत्या के कारणों में अधिकतर मामलों में मानसिक तनाव सामने आ रहा है।
इसके अलावा पारिवारिक समस्या, पति-पत्नी का विवाद, संपत्ति का झगड़ा, नशे की लत, दहेज उत्पीड़न, सास-ससुर की प्रताड़ऩा, जीवन में तनाव व प्यार में धोखा आत्महत्या की वजह में शामिल है। मौजूदा समय में जो स्टडी की रिपोर्ट है, उसमें मुताबिक महिलाओं की अपेक्षा पुरुष ज्यादा आत्महत्या कर रहे हैं। पांच सालों की स्टडी से यह साफ हो गया है। पुरुषों के 68.85 जबकि महिलाओं के 31.15 फीसद आत्महत्या के मामले हैं। -डॉ. एसके पॉल, सहायक निदेशक क्षेत्रीय फॉरेंसिक साइंस लैब धर्मशाला