मणिमहेश यात्रा: जन्माष्टमी के न्हौण पर श्रद्धालुओं ने लगाई डल झील में डुबकी, 63 लोगों को अनुमति
ManiMahesh Yatra मणिमहेश की डल झील पर मंगलवार सुबह 9 बजे के बाद विधि विधान से पूजा अर्चना हुई। जम्मू के भद्रवाह से आए श्रद्धालुओं ने पवित्र डल झील में डुबकी लगाई।
भरमौर, जेएनएन। मणिमहेश की डल झील पर मंगलवार सुबह 9 बजे के बाद विधि विधान से पूजा अर्चना हुई। जम्मू के भद्रवाह से आए श्रद्धालुओं ने पवित्र डल झील में डुबकी लगाई। वहीं भरमौर प्रशासन ने जम्मू से यहां पहुंचे सभी श्रद्धालुओं को मणिमहेश जाने की इजाजत दे दी। इसके बाद सभी श्रद्धालु मणिमहेश के लिए रवाना हो गए हैं। इन सभी श्रद्धालुओ को छोटी-छोटी टुकड़ियों में रवाना किया गया है। जिला प्रशासन द्वारा जम्मू के विभिन्न क्षेत्रों से यहां पहुंचे 63 श्रद्धालुओं को मणिमहेश जाने की इजाजत दी गई थी। लेकिन, भरमौर पहुंचने के बाद प्रशासन द्वारा शुरुआती तौर पर केवल 15 श्रद्धालुओं का जत्था ही आगे भेजा गया था।
ऐसे में श्रद्धालुओं को लग रहा था कि शायद उन्हें इस बार मणिमहेश जाने से वंचित रहना पड़ सकता है। लेकिन, प्रशासन द्वारा निर्णय लेते हुए सभी श्रद्धालुओं को आगे जाने की इजाजत दे दी गई, जिसके बाद सभी आगे रवाना हो गए हैं।
इस बार कोविड-19 के कारण मणिमहेश यात्रा नहीं करवाई जा रही है। केवल उन्हें श्रद्धालुओं को जाने की प्रशासन की ओर से अनुमति प्रदान की जा रही है, जिनका परंपराओं को निभाने के लिए जाना जरूरी है। प्रशासन द्वारा स्पष्ट किया गया है कि जो भी श्रद्धालु मणिमहेश जाने के लिए यहां पहुंचे हैं। उनकी स्वास्थ्य जांच होने के बाद जाने की इजाजत दी गई है। जन्माष्टमी न्हौण मंगलवार सुबह नौ बजकर सात मिनट पर शुरू हुआ जो बुधवार सुबह 11 बजकर छह मिनट तक चलेगा। बहरहाल, इजाजत मिलने के बाद भरमौर में रुके सभी श्रद्धालु आगे बढ़ गए हैं।
उधर, एसडीएम भरमौर मनीष सोनी का कहना है कि यहां पहुंचे सभी श्रद्धालुओं को आगे जाने के इजाजत दी गई है। उन्होंने कहा कि सभी गतिविधियों पर प्रशासन की पैनी नजर है। पुलिस ने हड़सर में कड़ा पहरा लगाया हुआ है। बिना अनुमति कोई भी मणिमहेश नहीं जा सकता है। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी श्रद्धालु को यात्रा पर जाने की अनुमति नहीं है।