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Make Small Strong: कोरोना संकट में हिम्मत नहीं हारी, मेहनत से एक बार फिर खड़ा किया कारोबार

Make Small Strong कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि कोरोना संकट का ऐसा समय आएगा कि लगभग तीन महीने तक अपने व्यवसायिक गतिविधियों को पूर्ण रूप से बंद करना पडेगा। दिमाग में ऐसे भी विचार आए कि अगर लॉकडाउन ऐसा ही रहा तो कैसे जिंदगी कैसे चलेगी।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 12:30 AM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 07:07 AM (IST)
कांगड़ा बाजार में स्थित पैराडाइज वर्ल्‍ड सैलून।

कांगड़ा, रितेश ग्रोवर। कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि कोरोना संकट का ऐसा समय आएगा कि लगभग तीन महीने तक अपने व्यवसायिक गतिविधियों को पूर्ण रूप से बंद करना पडेगा। लॉकडाउन के समय दिमाग में ऐसे भी विचार आए कि अगर लॉकडाउन ऐसा ही रहा तो कैसे जिंदगी कैसे चलेगी। बरहाल जून माह में लॉकडाउन में सैलून खोलने की अनुमति मिली तो कुछ हौंसला आया और व्यवसायिक गतिविधियां शुरू होते ही जिंदगी व व्यवसाय अब धीरे धीरे पटरी पर लौट रहा है। पैराडाइज वर्ल्‍ड सैलून कांगड़ा के मुख्य संचालक सुरेन्द्र पॉल कोरोना संकट में हुए लॉकडाउन को एक बुरा सपना मानते है।

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सुरेन्द्र पॉल के मुताबिक तीन माह का समय जिंदगी का एक ऐसा पहलु था जिसमें उन्होने अपनी जिंदगी का मंथन करने का समय मिला। उन्होने बताया कि जिदंगी में की गई मेहनत से उन्होने जिला कांगड़ा ही नही बल्कि बॉलीबुड में भी सैलून के माध्यम नाम कमाया। देश की कई बॉलीबुड हस्तियां उनके सैलून में आ चुके है। लेकिन समय के चक्र ने उन्हे हिला कर रख दिया। सुरेन्द्र पाूल के मुताबिक लॉकडाउन के तीन माह में उनके सैलून में शादियों की कई एडावासं बुकिंग थी जो कि सभी रद्द हो गई। उन्होने बताया कि बुकिंग का रद्द होने के साथ साथ उन्हे एडवांस भी वापिस करना पड़ा जिससे उन्हे कई लाखों रुपये का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा।

लॉकडाउन से उन्हे कई कर्मचारियों को  भी परेशानी का सामना करना पड़ा परन्तु कई कर्मचारियों की उन्होने लॉकडाउन के समय आर्थिक मदद भी की। सुरेंद्र पॉल ने बताया कि तीन माह के समय के बाद व्यवसायिक गतिविधियों शुरू हुई है परन्तु कोविड-19 की पांबदियों से सलून का व्यवसाय अभी गति नहीं पकड़ पाया है। उन्होने बताया कि 20 वर्ष पहले कांगड़ा में उनका एक सैलून था जो कि अब उनकी मेहनत से बढ़ कर तीन हो गये है।

अब सुधरे हालात मिल रहा काम

उनके तीन सैलून से कई कर्मचारी जुडे है और सभी कर्मचारियों को उन्होने अब वापिस बुला लिया है। काम की रफ्तार बढ़ रही है परंतु कोरोना संकट के चलते पूरी हिदायत तीनों सलून में रखी जा रही है। लॉकडाउन के बाद उनके काम काज करने में भी परिवर्तन आया है और नए आइडिया के साथ अब वह अपना सलून चला रहे है। कई शादियां व कई अन्य कार्यक्रम रद्द हुए परंतु फिर से उनके शादियों व कार्यक्रम की बुङ्क्षकग वापिस आ गई है। कई पुराने ग्राहक संपर्क कर सैलून के बारे में पूछ रहे है शादियों व अन्य कार्यक्र म को लेकर उनके पास फिर से एडवांस बुङ्क्षकग आना शुरू हो चुकी है। उनके ग्राहकों का प्यार ऐसा ही बना रहा तो आने वाले दो तीन माह में फिर से उनका व्यवसाय गति पकड़ लेगा।

हर्बल सैनिटाइजर का शुरू किया व्यवसाय

तीनों सैलून बंद थे और आय का कोई जरिया नही था। ऐसे में सैनिटाइजर का व्यवसाय शुरू करने का मन में विचार आया तो इसके लिए सीएसआईआर आईएचबीटी पालमपुर से संपर्क किया जहां से काफी मदद मिली। सीएसआईआर पालमपुर से हर्बल सैनिटाइजर बनाने का जानकारी लेकर हैंड सैनिटाइजर का निर्माण किया और उसे बाजार में उतारा।

लॉकडाउन में कई प्रलोभन मिले पर नहीं तोड़े सरकार के निर्देश

लॉकडाउन में भी कई शादियां हुई और इस दौरान उनके सैलून बंद थे। ऐसे में दुल्हन को तैयार करने के लिए उन्हे कई लोगों ने संपर्क किया और कई तरह के प्रोलोभन भी दिये परन्तु तीन माह में उन्होने सरकार के निर्देशों को नही तोड़ा। लॉकडाउन के दौरान हुये नुकसान की भरपाई वह कर सकते थे लेकिन ऐसा नहीं किया।

ऑनलाइन पेमेंट कर रहे हैं अब उपभोक्ता

लॉकडाउन के बाद शुरू हुई व्यवसायिक गतिविधियों में एक बड़ा बदलाव आया है। अब अधिकतर उपभोक्ता ऑनलाइन पेंमट का विकल्प चुन रहे है। बहुत कम उपभोक्ता नगद भुगतान कर रहे है। लॉकडाउन से पहले अधिकतर उपभोक्ता नगद भुगतान करते थे। लेकिन यह चलन अब बहुत कम हो गया है।


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