ज्वालामुखी मंदिर में नोटों और सिक्कों की गिनती के लिए लगेंगी मशीनें, चढ़ता है करोड़ों रुपये का चढ़ावा
उत्तर भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री ज्वालाजी मंदिर में सालाना लाखों भक्त आते हैं। करीब 20 करोड़ रुपये की सालाना आय चढ़ावे के रूप में प्राप्त होती है।
ज्वालामुखी, जेएनएन। उत्तर भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री ज्वालाजी मंदिर में सालाना लाखों भक्त आते हैं। करीब 20 करोड़ रुपये की सालाना आय चढ़ावे के रूप में प्राप्त होती है। मंदिर में कर्मचारियों को रोजाना चढ़ावे की गिनती करने के लिए घंटों लग जाते हैं। ऐसे में मंदिर न्यास ज्वालामुखी ने निर्णय लिया है कि बाकी बड़े मंदिरों की तर्ज पर ज्वालामुखी मंदिर में भी नोट और सिक्के गिनने के लिए मशीने लगाई जाए। राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश धवाला के नेतृत्व में गत दिनों बजट बैठक में भी निर्णय लिया गया था कि चढ़ावे की गिनती करने के लिए न्यास मशीनें आयात करेगा।
एसडीएम अंकुश शर्मा ने कहा कि आधुनिक मशीनों को खरीदने के लिए मंदिर न्यास ने कंपनियों से कोटेशन भी मंगवा ली हैं। मंदिर न्यास ने मंदिर परिसर में एटीएम भी लगवा दिया है जिससे बाहर से आने वाले यात्रियों, अधिकारियों, पुजारियों, कर्मचारियों व लोगों को लाभ मिलेगा। मंदिर के पुराने दरवाजे के पास भी एक अन्य बैंक की एटीएम स्थापित की जाएगी।
मां ज्वालामुखी के प्रति लोगों में गहरी आस्था है। कहा जाता है कि मुगल आक्रमणकारी अकबर भी माता के आगे नतमस्तक हुआ था। बताया जाता है कि अकबर ने माता की ज्योतियों को बुझाने के लिए नहर खुदवा दी थी व नहर के पानी से ज्योतियों को बुझाने की कोश्ािश की थी। लेकिन वह इसमें कामयाब नहीं हो पाया था। उसे अपनी गलती का अहसास हुआ व उसने माफी मांगकर माता के मंदिर में सोने का छत्र चढ़ाया। कहा जाता है माता ने इसे अस्वीकार किया था व चढ़ाते ही किसी अज्ञात धातु में बदल गया। जिसका आज तक पता नहीं लगाया जा सका है।
ज्वालामुखी में आर्ट ऑफ लिविंग शिविर आज से
ज्वालामुखी में 12 व 13 फरवरी को आर्ट ऑफ लिविंग दो दिवसीय शिविर का आयोजन करेगा। इसका शुभारंभ एसडीएम अंकुश शर्मा करेंगे। आर्ट ऑफ लिविंग के सदस्य वासुदेव ने बताया कि 12 फरवरी को ज्वालामुखी मंदिर व 13 फरवरी को सत्संग भवन ज्वालामुखी में कार्यक्रम होगा। इसमें चंबा के विद्यार्थी योग क्रिया, स्तुति व भगवती की आराधना करेंगे और कई क्रियाएं भी करवाएंगे।