अंतिम संस्कार में नहीं चढ़ाएंगे चादर, देंगे मदद का दान, बल्ह की लुहाखर पंचायत ने पारित किया प्रस्ताव
मंडी जिला की बल्ह क्षेत्र की लुहाखर पंचायत के ग्रामीण अब किसी व्यक्ति के अंतिम संस्कार में मृत शरीर या चिता पर चादर चढ़ाने की सदियों पुरानी परंपरा को बदलेंगे। पलभर के लिए चढ़ाई जाने वाली चादर के बदले ग्रामीण अब मदद का दान देंगे।
नेरचौक, सुभाष आहलुवालिया।
मंडी जिला की बल्ह क्षेत्र की लुहाखर पंचायत के ग्रामीण अब किसी व्यक्ति के अंतिम संस्कार में मृत शरीर या चिता पर चादर चढ़ाने की सदियों पुरानी परंपरा को बदलेंगे। पलभर के लिए चढ़ाई जाने वाली चादर के बदले ग्रामीण अब मदद का दान देंगे। वे शोकाकुल परिवार की आर्थिक तौर पर मदद करेंगे। पंचायत की ग्रामसभा की बैठक में ग्रामीणों ने इस संबंध में निर्णय लेकर प्रस्ताव पारित किया है।
लुहाखर पंचायत में शनिवार को ग्राम सभा की बैठक हुई। पंचायत प्रधान टेक चंद ने प्रस्ताव रखा कि जिस परिवार में किसी व्यक्ति की मृत्यु होगी तो उसके अंतिम संस्कार के दौरान लोगों द्वारा जो चोली (चादर) चढ़ाई जाती है, अब उसके बदले लोग उस परिवार की आर्थिक मदद करेंगे। उस चादर के बदले अपनी इच्छा के अनुसार 50 या 100 रुपये शोकाकुल परिवार को देंगे। जिन संबंधियों की ओर से चादर चढ़ाना अनिवार्य है, वे अपने विवेक के अनुसार फैसला ले सकते हैं। इस तरह सदियों से चली आ रही परंपरा भी कायम रहेगी और उस परिवार की आर्थिक सहायता भी होगी। यह भी स्पष्ट किया गया कि किसी व्यक्ति को यदि चादर या कपड़ा चढ़ाना ही है तो उसे बलपूर्वक रोका नहीं जाएगा। ग्रामसभा की बैठक में मौजूद सदस्यों ने एकमत से इस प्रस्ताव का समर्थन किया।
ऐसे करेंगे पैसे एकत्रित
अंतिम संस्कार में जो पंडित या आचार्य संस्कार को करवा रहे होंगे, वे एक कपड़ा श्मशानघाट के पास रखेंगे। लोगों को बताया जाएगा कि यदि शोकाकुल परिवार की सहायता कोई व्यक्ति करना चाहता है तो वह व्यक्ति अपनी इच्छा के अनुसार कपड़े पर पैसे रख सकता है। अंत में जो लोग श्मशानघाट पर रहेंगे, उनमें से कोई एक व्यक्ति उस पैसे को बाकी लोगों के सामने गिनकर परिवार के किसी जिम्मेदार सदस्य को सौंप देगा। इस तरह अगले 13 दिन होने वाले खर्च के रूप में उस पैसे का उपयोग वह परिवार कर सकता है। इससे परिवार की मदद होगी।