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नकल पर नुकेल, सात साल में सबसे खराब परिणाम

बोर्ड परीक्षाओं में नकल पर कसी जा रही नकेल के चलते इस बार जमा दो कक्षा का परिणाम पिछले सात सालों की अपेक्षा सबसे खराब परिणाम रहा है।

By Edited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 08:12 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 09:35 AM (IST)
नकल पर नुकेल, सात साल  में सबसे खराब परिणाम
नकल पर नुकेल, सात साल में सबसे खराब परिणाम

धर्मशाला, जेएनएन। बोर्ड परीक्षाओं में नकल पर कसी जा रही नुकेल के कारण इस बार जमा दो का परीक्षा परिणाम पिछले सात साल की तुलना में सबसे खराब रहा है। पिछले तीन साल में जमा दो के वार्षिक परीक्षा परिणाम की प्रतिशतता में 16.92 यानी करीब 17 फीसद की गिरावट आई है। इस साल पिछले वर्ष के मुकाबले परिणाम सीधे 8.17 फीसद नीचे चला गया है। साथ ही नकल के मामलों में भी कमी आई है। हालांकि इस बार भी कुछ स्कूलों ने स्कूल शिक्षा बोर्ड और शिक्षा विभाग के निर्देशों को ताक पर रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, लेकिन असर दिख रहा है।

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शैक्षणिक सत्र 2015-16 में 101104 विद्यार्थियों ने जमा दो की परीक्षा दी थी और इनमें से 79411 पास हुए थे और परिणाम 78.93 फीसद रहा था। बड़ी बात यह है कि इस साल का परिणाम सबसे बेहतर था। 2016-17 में 102075 ने परीक्षा दी थी और 73,943 पास हुए थे और परिणाम 6.04 फीसद गिरकर 72.89 फीसद था। 2017-18 में 98281 विद्यार्थियों में से 68621 पास हुए थे और परिणाम 2.17 फीसद की गिरावट के साथ 70.18 फीसद था। इस बार शिक्षा बोर्ड ने कथित तौर पर सभी परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए थे और वार्षिक परिणाम में 8.17 फीसद की कमी आई है और प्रतिशतता 62.01 फीसद ही रह गई।

सभी केंद्रों को दिए थे कैमरे लगाने के निर्देश नकल रोकने के लिए स्कूल शिक्षा बोर्ड ने शैक्षणिक सत्र 2017-18 के दौरान ट्रायल के तौर पर प्रदेशभर के 100 परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए थे। सफल ट्रायल के बाद इस बार शिक्षा बोर्ड ने सभी 1980 परीक्षा केंद्रों में कैमरे स्थापित करने के निर्देश जारी किए थे। करीब 100 से अधिक परीक्षा केंद्रों के मुखियों ने इस दफा भी कैमरे स्थापित नहीं किए थे।

नकल के मामलों की स्थिति

पिछली बार जमा दो व दसवीं में नकल के कुल केस 1000 थे इस बार के कुल केस : 450 जमा दो : 344 दसवीं : 104 मिडिल : 2 सात साल के परीक्षा परिणाम का ब्योरा वर्ष प्रतिशतता 2012-13 65.01 2013-14 67.10 2014-15 68.64 2015-16 78.62 2016-17 72.89 2017-18 70.18 2018-19 62.01


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