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Stud Burnt in Yol : कांगड़ा के वणी में पशुशाला में आग लगने से हजारों रुपये का नुकसान

Stud Burnt in Yol कांगड़ा जिले के कैंट बोर्ड योल के तहत टीका वणी में शुक्रवार दोपहर बाद एक पशुशाला में अचानक आग लग जाने से हजारों रुपये का नुकसान हो गया। गनीमत रही कि पशुशाला में बंधे मवेशियों को गांव वालों ने बचा लिया।

By Virender KumarEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 06:57 PM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 06:57 PM (IST)
योल के वणी में पशुशाला में आग लगने से हजारों रुपये का नुकसान हो गया। जागरण

योल, संवाद सहयोगी। Stud Burnt in Yol, कांगड़ा जिले के कैंट बोर्ड योल के तहत टीका वणी में शुक्रवार दोपहर बाद एक पशुशाला में अचानक आग लग जाने से हजारों रुपये का नुकसान हो गया। गनीमत रही कि पशुशाला में बंधे मवेशियों को गांव वालों ने बचा लिया।

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समाजसेवी शांति कुमार ने बताया कि दोपहर बाद 2.30 बजे पशुशाला से धुआं निकलता देखा व गांव वालों को सूचित करने पर सभी इकट्ठा हो गए तो भारी मशक्कत के बाद पशुशाला के अंदर बंधे दो बैल, दो गाय, चार भेड़ बकरियों को सुरक्षित निकाला, लेकिन आग इतनी भयंकर हो गई कि काबू करना मुश्किल हो गया। इस पर अग्निशमन विभाग धर्मशाला और योल पुलिस को सूचित किया गया। मौके पर विभाग ने समीपवर्ती घरों को तो बचा लिया, लेकिन हजारों रुपये का चारा और अन्य सामान जलकर राख हो गया।

चार भाई अमर ङ्क्षसह, पुनी चंद, कुलदीप व विपिन कुमार ने बताया कि वे चारों भाई मेहनत मजदूरी तथा थोड़ी बहुत खेती कर बड़ी मुश्किल से परिवार का गुजारा करते हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से पीडि़त परिवार को फौरी राहत प्रदान करने की मांग की है। वहीं, पुलिस चौकी योल के प्रभारी नारायण दास ने बताया कि आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है, पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है।

घंडरा बीट में सरकारी भूमि से काटे सफेदे के सात पेड़

कांगड़ा जिले की वन मंडल नूरपुर की भदरोआ रेंज के अंतर्गत घंडरा बीट में सरकारी भूमि में सफेदे के सात पेड़ काटे गए। यह बीट बीते दो वर्ष पूर्व भी अवैध खैर कटान को लेकर काफी चर्चा में रही थी। खैर कटान मामले में आज भी कई अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।

ग्राम पंचायत मलाहड़ी के गांव पनियाला के निवासी कर्म ङ्क्षसह ने वन विभाग को दूरभाष के माध्यम से सूचित किया कि गांव पनियाला में सरकारी भूमि से सेफदे के पेड़ काटे जा रहे हैं, परंतु वन विभाग के ढीले रवैये के कारण अभी तक विभाग की ओर से आरोपितों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

जब विभागीय टीम मौके पर पहुंची तो पाया कि सफेदे के पेड़ काटने के साथ जेसीबी के माध्यम से जड़ों को भी उखाड़ा जा रहा है। उधर डीएफओ नूरपुर विकल्प यादव ने बताया कि मामला ध्यान में आते ही विभागीय टीम को मौके पर भेजा गया है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।


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