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चैलचौक में मक्की की फसल पर टिड्डियों के दल का हमला

उपमंडल गोहर की ग्राम पंचायत चैलचौक से सटे खेतों में अचानक टिड्डियों के झुंड ने मक्की की फसल पर हमला बोल दिया। इससे किसान की मेहनत पर पानी फिर गया है। टिड्डियों के दल ने एक बीघा खेत में लहलहा रही मक्की की फसल को तबाह कर दिया है।

By Vijay BhushanEdited By: Published: Mon, 06 Sep 2021 11:02 PM (IST)Updated: Mon, 06 Sep 2021 11:02 PM (IST)
खेत में मक्की की फसल। जागरण आर्काइव

मृगेंद्र पाल, गोहर। उपमंडल गोहर की ग्राम पंचायत चैलचौक से सटे खेतों में अचानक टिड्डियों के झुंड ने मक्की की फसल पर हमला बोल दिया। इससे किसान की मेहनत पर पूरी तरह से पानी फिर गया है। करीब तीन दिन के अंतराल में टिड्डियों के दल ने एक बीघा खेत में लहलहा रही मक्की की फसल को तबाह कर दिया है। टिड्डियों के द्वारा चट किए गए मक्की के खेतों को देख कर आसपास के किसानों में हड़कंप मच गया है। उन्हें अपनी तैयार हो रही फसल को टिड्डियों से बचाने के लिए विभाग से गुहार लगानी पड़ रही है।

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किसानों ने बताया कि देखते ही देखते मक्की के पौधों की पत्तियों के साथ लगी फसल पर भी धावा बोल रही है। डोले राम ठाकुर, किशोरी लाल, प्रकाश चंद शर्मा, भीम ङ्क्षसह, अमर ङ्क्षसह, महेंद्र कुमार, दिले राम, लेख राज आदि किसानों ने बताया कि टिड्डियों का ऐसा दल पंजाब, हरियाणा, यूपी, राजस्थान, दिल्ली तथा जम्मू कश्मीर आदि राज्यों में पाया जाना तो सुना था। यहां पहली बार देखा है। धान के खेतों में छिटपुट मिल जाते थे। लेकिन हजारों लाखों की संख्या में टिड्डियों का दल खड़ी फसल पर कहर बरपाते पहले नहीं देखा गया है। टिड्डियों का झुंड कहां से आया इसका कोई पता नहीं चल पाया है। पंचायत प्रतिनिधियों ने विभाग से मांग की है कि फसलों को इन टिड्डियों से बचाने के लिए उचित कदम उठाए जाए।

फेनिट्रोथियोन या क्लोरपारिफोस दवा का करें छिड़काव

कृषि विभाग के विषयवाद विशेषज्ञ डा धर्मचंद चौहान ने बताया कि खेतों को नुकसान पहुंचा रही टिड्डियों के बारे में सूचना मिलने पर फसल का मौका किया गया है। किसान सुबह शाम अपने खेतों का मौका करते रहे। ऐसी परिस्थितियों में किसान सुबह के समय कीट की रोकथाम के लिए 50 प्रतिशत इसी फेनिट्रोथियोन या क्लोरपारिफोस एक लीटर दवा को 800 से 1000 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हैक्टेयर क्षेत्र में छिड़काव करें।


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