फोन दनदनाए तो पता चला बनाए हैं नोडल अधिकारी, लैंडलाइन फोन रहे व्यस्त, नहीं मिली लोगों को राहत
कफ्र्यू और लॉकडाउन में फंसे लोगों को घर पहुंचाने के लिए बनाए नोडल अधिकारियों को पता नहीं कि उन्हें ऐसा कोई जिम्मा सौंपा गया है।
शिमला, यादवेन्द्र शर्मा। कफ्र्यू और लॉकडाउन में फंसे लोगों को घर पहुंचाने के लिए बनाए नोडल अधिकारियों को पता नहीं कि उन्हें ऐसा कोई जिम्मा सौंपा गया है। शनिवार को जब अन्य राज्यों में फंसे लोगों की फोन कॉल दनदनाने लगी तो उन्हें इसका पता चला। कुछ अधिकारियों के फोन ही बंद रहे और कुछ ने फोन कॉल ही नहीं उठाई। लैंडलाइन नंबर भी व्यस्त रहे। इससे अन्य राज्यों में फंसे हिमाचलियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हैरानी यह कि अधिकारियों को यह पता नहीं कि हिमाचलियों की घर वापसी कैसी होगी और योजना क्या है।
हिमाचल सरकार ने शुक्रवार को हिमाचलियों की घर वापसी के लिए नोडल अधिकारी तैनात किए थे। इस संबंध में उनके मोबाइल फोन नंबरों के साथ अधिसूचना भी जारी की गई। इसके बाद लोगों ने संपर्क करना शुरू किया तो फोन पर कोई जवाब नहीं मिला। अन्य राज्यों में हिमाचल के साढ़े तीन लाख लोग फंसे हैं जो घर आने के लिए गुहार लगा रहे हैं। इनमें विद्यार्थी व कामगार हैं। लोग घंटों अधिकारियों से फोन पर संपर्क करने का प्रयास करते रहे, लेकिन उन्हें मदद नहीं मिली।
क्या है योजना
हिमाचलियों की घर वापसी के लिए डाटा बेस बनाया जा रहा है। कौन-कौन कहां से आना चाहता है। इसके लिए लिस्ट बनाई जा रही है। अभी तक आए ऑनलाइन आवेदनों के तहत लिस्ट को तैयार किया जा रहा है। इसके बाद इन्हें पथ परिवहन निगम की बसों में अलग-अलग स्थानों से लाया जाएगा।
एक मिनट में आ रहीं 50 फोन कॉल
हिमाचल से बाहर फंसे लोगों को लाने के लिए उनका रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है। एक मिनट में 50 फोन आ रहे हैं। इसके लिए डाटा तैयार करने के बाद निर्णय लिया जाएगा।
-ओंकार शर्मा, नोडल अधिकारी व प्रधान सचिव राजस्व।