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हिमाचल में कर्फ्यू से परिवहन विभाग को 500 करोड़ का नुकसान, प्रतिदिन तीन करोड़ 28 लाख की चपत

Curfew Effect कफ्र्यू से परिवहन और हिमाचल पथ परिवहन निगम का नुकसान और बढ़ेगा।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sat, 09 May 2020 11:12 AM (IST)Updated: Sat, 09 May 2020 11:12 AM (IST)
हिमाचल में कर्फ्यू से परिवहन विभाग को 500 करोड़ का नुकसान, प्रतिदिन तीन करोड़ 28 लाख की चपत

शिमला, जेएनएन। कफ्र्यू से परिवहन और हिमाचल पथ परिवहन निगम का नुकसान और बढ़ेगा। अभी तक परिवहन विभाग को अब तक 500 करोड़ से अधिक का नुकसान पहुंचा है। इनमें निजी बसों के चालकों, परिचालकों, टैक्सी ऑपरेटरों, टैंपों आपॅरेटरों के वेजिज लॉस तीन करोड़ 28 लाख रुपये प्रतिदिन बताया गया है। सरकार बेरोजगारों को टैक्सी चलाने के परमिट जारी करती है। इसी तरह से टैंपों को भी परमिट मिलते हैं। इनके साथ मोटर मैकेनिक, टायर पंक्चर की दुकानें भी जुड़ी हैं। ये भी बंद रही हैं।

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गुड्स ट्रांसपोर्ट से संबंधित 50 फीसद ट्रकों की आवाजाही हो रही है, लेकिन यह भी 50 फीसद बाधित है। इनकी वेजिज लॉस का आकलन 11 करोड़ रूपये प्रतिदिन किया गया है।

निजी बसों को टैक्स से छूट

निजी बसों को स्टेट रोड टैक्स और टोकन टैक्स को सरकार ने चार महीने तक राहत दे रखी है। प्रदेश में करीब 3200 निजी बसें हैं। स्टेट रोड टैक्स प्रतिमाह तीन से चार करोड़ बनता है। जबकि टोकन टैक्स पांच सौ रुपये प्रति सीट प्रति वर्ष के हिसाब से लिया जाता है।

एचआरटीसी को 300 करोड़ का नुकसान

प्रदेश में हिमाचल पथ परिवहन निगम की 3200 बसें हैं। चार हजार रूट हैं। इनमें से डेढ़ सौ इंटरस्टेट रूट पर साढ़े तीन सौ बसें चलती हैं। इनदिनों सारा बंद है। इससे निगम को रोजाना दो से ढाई करोड़ का नुकसान हो रहा है। महीने में औसतन कमाई 70 से 80 करोड़ होती है। अभी तक लॉकडाउन से करीब तीन सौ करोड़ का घाटा झेलना पड़ा है।

सरकार ने दिया है 60 करोड़ का पैकेज

राज्य सरकार एचआरटीसी को अब तक करीब 60 करोड़ का आर्थिक पैकेज दे चुकी है। निगम की आय शून्य हो जाने से ऐसी राहत दी गई है। निगम की बसों से राजस्थान के कोटा, चंडीगढ़ और इसके आसपास फंसे बच्चों और लोगों को वापस हिमाचल लाया गया। इसमें किसी भी व्यक्ति से कोई किराया नहीं लिया।


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