आइसीटी लैब से लाइव कक्षाएं लगाने का प्रस्ताव लटका, स्कूल बंद होने व कर्फ्यू की वजह से घरों से ही पढ़ाई
Live Classes Through ICT Lab राज्य के सरकारी स्कूलों में बच्चों की लाइव कक्षाएं लगाने का प्रस्ताव फिलहाल ठंडे बस्ते में पड़ गया है। कोरोना कर्फ्यू के कारण राज्य के सभी स्कूल बंद हैं। ऐसे में लाइव कक्षाएं लेना संभव नहीं है।
शिमला, जागरण संवाददाता। Live Classes Through ICT Lab, राज्य के सरकारी स्कूलों में बच्चों की लाइव कक्षाएं लगाने का प्रस्ताव फिलहाल ठंडे बस्ते में पड़ गया है। कोरोना कर्फ्यू के कारण राज्य के सभी स्कूल बंद हैं। ऐसे में लाइव कक्षाएं लेना संभव नहीं है। शिक्षा सचिव ने शिक्षकों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने स्तर पर ही व्यवस्था करें, ताकि बच्चों की लाइव क्लास ली जा सके। गूगल मीट, जूम एप के अलावा अन्य माध्यमों से ऑनलाइन क्लास लें, ताकि बच्चों से सीधा संवाद हो सके। बच्चों को यदि कोई सवाल पूछना है तो वह शिक्षक से पूछ सके। हालांकि प्रदेश के कई शिक्षकों ने अपने स्तर पर इस तरह की व्यवस्था की है, लेकिन शिक्षकों को इसमें दिक्कतें भी पेश आ रही है। कई बार नेटवर्क न होने से बीच में ही क्लास डिसक्नेक्ट हो जाती है।
कई बार छात्रों के पास ही नेटवर्क नहीं होता। टीजीटी और लेक्चरर न्यू शिक्षकों को एक दिन में 4 से 5 कक्षाएं लेनी पड़ती है। एक क्लास 40-40 मीनट की है, ऐसे में मोबाइल डाटा की भी दिक्कत पेश आ रही है। विभाग ने जियो टीवी और अन्य माध्यमों पर अब ज्यादा फोकस करने को कहा है ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो।
यह थी योजना
विभाग की योजना थी कि स्कूलों में आईसीटी लैब के माध्यम से बच्चों की लाइव कक्षाएं होगी। इसके लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जानी प्रस्तावित थी। कोरोना कर्फ्यू के चलते परिवहन व्यवस्था पूरी तरह बंद होने के कारण यह योजना कागजों तक ही समित होकर रह गई है।
शिक्षा निदेशकों को संभावनाएं तलाशने को कहा है : सचिव
शिक्षा सचिव राजीव शर्मा ने हर घर पाठशाला कार्यक्रम को और ज्यादा बेहतर बनाया जा रहा है। कुछ शिक्षकों ने अपने स्तर पर बेहतरीन प्रयास किया है। वे लाइव बच्चों की कक्षाएं ले रहे हैं। कोरोना की मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए आईसीटी लैब से कक्षाएं लेना फिलहाल संभव नहीं है। शिक्षा निदेशक उच्चतर व प्रारंभिक को कहा है कि ऑनलाइन पढ़ाई को और ज्यादा कैसे बेहतर बनाया जा सकता है इसको लेकर संभावनाएं तलाशे। आईसीटी लैब से पढ़ाई तभी करवाई जा सकती है जब शिक्षक स्कूल आएंगे।