बिपिन रावत ने शिमला में बढ़ाया था एनसीसी कैडेट का हौसला, आज मोमबत्ती लेकर रैली निकाल भावुक हुए छात्र
Tribute Bipin Rawat चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत को राजधानी शिमला स्थित कोटशेरा कालेज के एनसीसी कैडेट ने श्रद्धांजलि दी। छात्रों ने कालेज से लेकर शेर ए पंजाब तक रैली निकालकर शहीदों काे याद किया। हाथों में मोबत्तियां लेकर छात्र यहां पहुंचे
शिमला, जागरण संवाददाता। Tribute Bipin Rawat, चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत को राजधानी शिमला स्थित कोटशेरा कालेज के एनसीसी कैडेट ने श्रद्धांजलि दी। छात्रों ने कालेज से लेकर शेर ए पंजाब तक रैली निकालकर शहीदों काे याद किया। हाथों में मोबत्तियां लेकर छात्र यहां पहुंचे, इसमें स्टाफ के सदस्य भी मौजूद थे। श्रद्धांजलि कार्यक्रम के दौरान जनरल बिपिन रावत द्वारा भारतीय सेना में दिए गए उनके योगदान को याद किया गया। सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। देश के लिए दी गई उनकी सेवाओं को याद करते वक्त छात्रों की आंखें नम हो गईं। शिमला दौरे के दौरान रावत ने एनसीसी कैडेट का हौसला बढ़ाया था। विद्यार्थी जनरल को याद कर भावुक हो गए।
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कैडेट ने कहा कि बिपिन रावत के नेतृत्व में कई सफल आतंकी आपरेशन को अंजाम दिया गया। सर्जिकल व एयर स्ट्राइक जैसे आपरेशन भी उनकी देखरेख में हुए। बिपिन रावत का शिमला से गहरा नाता रहा है। बिपिन रावत ने अपनी दसवीं कक्षा की पढ़ाई सेंट एडवर्ड स्कूल से की थी। 1971 में वह कक्षा नवीं में इस स्कूल में दाखिल हुए थे, तीन साल तक वह स्कूल का हिस्सा रहे। 2019 में भी शिमला दौरे के दौरान एडवर्ड जाकर पुरानी यादें ताजा की थी।
बिपिन रावत के नाम पर होगा आइईसी विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार का नाम
बद्दी। अटल शिक्षा कुंज कालूझींडा स्थित आइईसी विश्वविद्यालय ने तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकाप्टर हादसे में शहीद हुए देश के चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी सहित हादसे के शिकार हुए अन्य 11 जवानों को विश्वविद्यालय परिसर में श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर शहीदों की आत्मिक शांति के लिए प्रार्थना कर दो मिनट का मौन रखा गया। सभी ने शहीदों के स्वजनों को इस असहनीय पीड़ा को सहने के लिए शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना भी की। आइईसी विश्वविद्यालय के कुलपति (इंचार्ज) प्रो. डा. जितेंद्र सिंह ने जनरल बिपिन रावत को नमन करते हुए उनके साहस व चीन से लगती सीमा पर बेहतर रणनीतिक कार्य करने और जम्मू-कश्मीर में आतंक विरोधी अभियान की सफल रणनीति बनाने में उनके अविस्मरणीय योगदान को याद किया। उन्होंने आइईसी विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार का नाम सीडीएस जनरल बिपिन रावत द्वार रखने की घोषणा भी की और रखरखाव का जिम्मा विश्वविद्यालय के एनसीसी विंग को सौंपा। उन्होंने छात्रों में देश के प्रति समर्पण के भाव को हमेशा जागृत रखने की अपनी प्रतिबद्धता को भी दोहराया।