Khajjiar Lake: पर्यटकों के कदम रुके तो निर्मल हुई खजियार झील, तीन महीने बाद पानी के सैंपल हुए पास
Khajjiar Lake खजियार की खूबसूरती इन दिनों और बढ़ गई है। लॉकडाउन के कारण जहां जिंदगी ठहर सी गई थी लेकिन यहां झील के ठहरे पानी ने निर्मलता का चोला ओढ़ लिया है।
चंबा, सुरेश ठाकुर। मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से मशहूर हिमाचल के खजियार की खूबसूरती इन दिनों और बढ़ गई है। लॉकडाउन के कारण जहां जिंदगी ठहर सी गई थी, लेकिन यहां झील के ठहरे पानी ने निर्मलता का चोला ओढ़ लिया है। लोगों की चहल-पहल न होने से झील का पानी साफ हो गया है। लॉकडाउन से पहले इस झील में पानी कम और कीचड़ अधिक नजर आता था। यही वजह है कि पहले लिए गए पानी के सैंपल फेल आए थे, लेकिन अब इसकी गुणवत्ता में अधिक सुधार हुआ है। लॉकडाउन का ही असर है कि तीन महीने पहले जिस झील का पानी दूषित हो चुका था उसी झील का पानी आज निर्मल हो चुका है। इसका सुबूत प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा इन तीन महीने में लिए गए सैंपल हैं, जो पास पाए गए हैं।
झील के पानी को निर्मल बनाने में किसी एजेंसी या सरकार ने कोई काम नहीं किया है बल्कि लॉकडाउन के कारण ऐसा हुआ है। खजियार मैदान में मौजूद यह झील पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है लेकिन धीरे- धीरे झील का पानी गंदा होने लगा था, जिससे पर्यटक भी इस झील से मुंह मोडऩे लगे थे।
500 मीटर के दायरे में नालियों में लगे ब्रश वुड
झील को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए वन्य प्राणी विभाग ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। झील के 500 मीटर के दायरे में बनी नालियों में ब्रश वुड लगाए जा रहे हैं। इससे नालियों के माध्यम से गंदगी झील में नहीं पहुंचेगी। पानी के साथ आने वाले कूड़े को ब्रश वुड रोक देगा। झील में गाद और मलबा भर रहा था। इससे झील का दायरा भी सिकुड़ रहा था।
दो हेक्टेयर क्षेत्र में फैली झील
चंबा व डलहौजी के मध्य क्षेत्र में समुद्रतल से 1920 मीटर की ऊंचाई पर स्थित खजियार झील करीब दो हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई है। यह झील अब अपने पुराने स्वरूप में लौटने लगी है।
क्या कहते हैं अधिकारी
- प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कोरोना के समय जितने भी खजियार झील से पानी के सैंपल लिए गए हैं वे सभी पास पाए गए हैं। इससे पहले के सभी सैंपल फेल ही आते थे। सैंपल पास होने का मतलब है कि अब खजियार झील का पानी पूरी तरह से स्वच्छ है। -राहुल शर्मा, कनिष्ठ अभियंता प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड चंबा।
- झील की गाद निकालने के लिए बजट स्वीकृत हुआ है। यह कार्य विज्ञानियों की देखरेख में तीन चरणों में किया जाएगा। -राजीव कुमार, डीएफओ वन्य प्राणी विभाग मंडल चंबा।