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Padma Shri Kartar Saunkhle : बांस की तीलियों से कलाकृतियां बनाने वाले हमीरपुर के करतार सौंखले कल पद्मश्री से अलंकृत होंगे

Padma Shri Kartar Saunkhle बोतल में कलाकृतियां तैयार करने वाले हमीरपुर जिले के नादौन के नौहंगी निवासी करतार सिंह सौंखले को दिल्ली में मंगलवार को पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। बंद बोतल में कलाकृति बनाना आसान काम नहीं है लेकिन करतार सिंह कई बार ऐसा करके दिखा चुके हैैं।

By Virender KumarEdited By: Published: Mon, 08 Nov 2021 07:05 AM (IST)Updated: Mon, 08 Nov 2021 07:50 AM (IST)
Padma Shri Kartar Saunkhle : बांस की तीलियों से कलाकृतियां बनाने वाले हमीरपुर के करतार सौंखले कल पद्मश्री से अलंकृत होंगे
बांस की तीलियों से कलाकृतियां बनाने वाले हमीरपुर के करतार सौंखले । जागरण

हमीरपुर (पनसाई), मनोज शर्मा। Padma Shri Kartar Saunkhle, बोतल में कलाकृतियां तैयार करने वाले हमीरपुर जिले के नादौन के नौहंगी निवासी करतार सिंह सौंखले को दिल्ली में मंगलवार को पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। बंद बोतल में कलाकृति बनाना आसान काम नहीं है, लेकिन करतार सिंह कई बार ऐसा करके दिखा चुके हैैं। बांस से तैयार होने वाली उनकी इस कला को देखते हुए इस साल 25 जनवरी को उन्हें पद्मश्री पुरस्कार देने की घोषणा की गई थी। मंगलवार को दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में होने वाले समारोह में उन्हें यह सम्मान दिया जाएगा।

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दिल्ली रवाना होने से पहले दैनिक जागरण से बातचीत में करतार सौंखले ने कहा कि यह सम्मान उनके जीवन के लिए अद्भुत क्षण जैसा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के हाथों पुरस्कृत होने वाले करतार सौंखले अपने बेटे केतन के साथ दिल्ली के लिए रवाना हुए।

हमीरपुर जिले के नौहंगी गांव में रहने वाले करतार सिंह मूलत: गलोड़ के साथ सटे रटेड़ा (नारा) के निवासी हैैं। परस राम के घर जन्मे 62 वर्षीय करतार सिंह को बचपन के शौक ने इतना बड़ा सम्मान दिलाया है।

राष्ट्रीय प्रोद्यौगिकी संस्थान (एनआइटी) हमीरपुर से 2019 में बतौर चीफ फार्मासिस्ट सेवानिवृत्त हुए करतार सिंह सौंखले करीब 20 साल से लगातार अपने शौक को मूर्त रूप दे रहे हैं। सौंखले कहते हैं कि यह काम में निरंतर करता रहता हूं। पद्मश्री पुरस्कार की घोषणा के बाद भी कई कलाकृतियां बनाई हैैं।

दैनिक जागरण से बातचीत में करतार ने बताया कि बचपन में घर में पिता व दादा को काम करते देखता था तो कुछ अलग करने मन करता था। पिता व दादा कारपेंटर का काम करते थे। बचपन में यह हसरत पूरी न हो सकी, फिर नौकरी के दौरान खाली समय में थोड़ा-थोड़ा प्रयास करना शुरू किया। निरंतर प्रयास से कला में भी निखार आता गया और लोगों की सराहना मिलने से हौसला बांस की तरह ऊंचा उठने लगा। हौसले से इन कलाकृतियां का रूप और निखरता गया।

बकौल करतार, फ्रांस कभी गया नहीं लेकिन एफिल टावर को बंद बोतल में तैयार कर दिया। इसी तरह भगवान श्रीराम को भी शीशे की बोतल में उतार लिया। मनाली के हिडि़ंबा माता मंदिर, आगरा का ताजमहल, श्री हनुमान जी, नग्गर स्थित त्रिपुरा माता सुंदरी मंदिर, शिमला की पहचान ऐतिहासिक चर्च, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम, महात्मा गांधी समेत कई महान हस्तियों की कलाकृतियां बांस की तीलियों से तैयार की हैं।

अब तक कई पुरस्कार मिले

करतार सिंह सौंखले को अब तक कई पुरस्कार मिले हैं। बांस की कलाकृतियां बनाने पर उन्हें कई संस्थाओं ने सम्मानित किया है। एशिया बुक आफ रिकार्ड, इंडियन बुक आफ अवार्ड, हमीर गौरव समेत कई पुरस्कार मिले हैं।

ऐसे तैयार करते हैं कलाकृतियां

करतार सिंह बताते हैैं कि सबसे पहले बांस को सुखाकर रखा जाता है। फिर उसकी बारीक-बारीक तीलियां तैयार की जाती हैं। जिस रंग में उन्हें ढालने की जरूरत हो तो उसे वही रंग दिया जाता है, लेकिन आमतौर पर बांस के मूल रूप से ही कलाकृतियां तैयार की जाती हैं। इन तीलियों को जोडऩे के लिए फेवीकोल का सहारा लिया जाता है।

हिमाचल के हिस्से में 16वां पद्म सम्मान

हिमाचल के खाते में यह 16वां पद्म सम्मान है। प्रदेश के हिस्से में अब तक एक पद्म विभूषण और 15 पद्मश्री आए हैं। इनमें बीके नेहरू को पदम विभूषण, डा. क्षमा मैत्रेय (समाजसेवा), मुसाफिर राम भारद्वाज (कला), विजय शर्मा (कला), ब्रिगेडियर कपिल मोहन (उद्यमी), अजय ठाकुर (खेल), डॉ. ओमेश भारती (चिकित्सा), प्रो. अभिराज राजेंद्र मिश्रा (साहित्य व शिक्षा), सत्यदेव (नागरिक प्रशासन), डॉ. राजेंद्र सिंह, बरजिंद्र सिंह (साहित्य), डा. देविंद्र सिंह राणा (चिकित्सा), डॉ. बैटिना शारदा बॉमर (साहित्य), येशी ढोंडेन (चिकित्सा) व डॉ भाल चंद्र निमाड़े (साहित्य व शिक्षा)को पद्मश्री सम्मान मिल चुका है। इसके अलावा हिमाचल से जुड़े कई लोगों को भी पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इनमें मनोहर सिंह गिल व देव आनंद को पद्म विभूषण और चरणजीत सिंह, कैलाश चंद महाजन, डाक्टर जगत राम, कंगना रणौत, सरदार सोभा सिंह, डॉ. रणदीप गुलेरिया, अनुपम खेर व शूटर विजय कुमार शर्मा को पद्मश्री पुरस्कार मिल चुका है।


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