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प्रदेश के सबसे बड़े जिला में भी कांग्रेस अशांत

कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष की तैनाती के बाद प्रदेश में पार्टी को एकजुट करने के दावों की हवा सबसे बड़े जिला कांगड़ा में निकल गई है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 10:38 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 10:38 AM (IST)
प्रदेश के सबसे बड़े जिला में भी कांग्रेस अशांत

दिनेश कटोच, धर्मशाला। कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष की तैनाती के बाद प्रदेश में पार्टी को एकजुट करने के दावों की हवा सबसे बड़े जिला कांगड़ा में निकल गई है। कुलदीप राठौर के अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी को मजबूत करने की कवायद शुरू होनी थी, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व पूर्व अध्यक्ष सुखविंदर सुक्खू की नोकझोंक से सुलगी चिंगारी से जिला कांगड़ा में कांग्रेस अशांत है।

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दोनों दिग्गजों की जुबानी जंग का असर यह हुआ कि जिला में सुक्खू समर्थकों को वीरभद्र सिंह की टिप्पणियां रास नहीं आई। उन्होंने वीरभद्र के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस के संगठनात्मक जिला देहरा व नूरपुर में पदाधिकारियों ने इस्तीफे दे दिए। देहरा, नूरपुर, कांगड़ा व पालमपुर से उठे विरोध के स्वरों के बीच यह भी निर्णय लिया गया कि इसकी शिकायत राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से होगी। हालांकि अभी वीरभद्र समर्थक इस मामले पर चुप्पी ही साधे हैं। जिला कांगड़ा में वीरभद्र समर्थकों की बड़ी फौज थी, लेकिन अब एक बड़ा वर्ग सुक्खू की ओर झुक गया है। वहीं वीरभद्र के कट्टर समर्थकों की चुप्पी के मायने यह भी हैं कि वे नए अध्यक्ष के समक्ष अपनी छवि को खराब नहीं करना चाहते हैं।

उधर लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा पन्ना सम्मेलनों के जरिए बूथ स्तर तक पार्टी की मजबूती के लिए जुटी है तो कांग्रेसी अपने-अपने नेताओं का दामन थाम अलग दिशाओं में चल रहे हैं।

कार्यकर्ताओं ने पार्टी की मजबूती के लिए दिन-रात एक किया है। चुनाव के समय पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा ऐसी टिप्पणी करना शोभा नहीं देता है। सुक्खू ने पार्टी की मजबूती के लिए कार्य किया है और जमीनी स्तर तक पार्टी को मजबूत किया है।

-करुण शर्मा, संगठनात्मक जिला अध्यक्ष पालमपुर।

अगर कोई विवाद है तो उसे मिलकर हल करना चाहिए। ऐसे मामलों से पार्टी की जग हंसाई हो रही है। लोकसभा चुनाव नजदीक हैं। इसे देखते हुए पार्टी के लिए एकजुटता का होना जरूरी है।

-कर्ण सिंह पठानिया, संगठनात्मक जिला अध्यक्ष नूरपुर।

कांग्र्रेस के सभी पूर्व अध्यक्षों ने पार्टी के उत्थान के लिए कार्य किया है। सुक्खू का छह वर्ष कार्यकाल बेहतर रहा है। कार्यकर्ताओं या पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी करना उचित नहीं है।

-सुमन वर्मा, संगठनात्मक जिला अध्यक्ष कांगड़ा।

पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र से ऐसी उम्मीद नहीं थी। वह छह बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। ऐसे मामलों की शिकायत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से होगी। पार्टी हित में यह सही नहीं है। पार्टी में सभी का सम्मान जरूरी है।

-नरदेव कंवर, संगठनात्मक जिला अध्यक्ष देहरा।


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