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हिमाचल में पौने तीन लाख कर्मचारियों को तोहफा देने की तैयारी

हिमाचल प्रदेश के पौने तीन लाख से अधिक कर्मचारियों को जयराम सरकार बड़ी सौगात देने की तैयारी में है। प्रदेश सरकार ने अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के साथ जेसीसी बैठक के लिए तारीख 25 सितंबर तय कर दी है।

By Vijay BhushanEdited By: Published: Mon, 06 Sep 2021 09:30 PM (IST)Updated: Mon, 06 Sep 2021 09:30 PM (IST)
हिमाचल में पौने तीन लाख कर्मचारियों को तोहफा देने की तैयारी
शिमला में 25 सितंबर को जेसीसी बैठक की अध्यक्षता करेंगे जयराम। जागरण आर्काइव

शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश के पौने तीन लाख से अधिक कर्मचारियों को जयराम सरकार बड़ी सौगात देने की तैयारी में है। 25 सितंबर को होने वाली अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के साथ होने वाली संयुक्त सलाहकार समिति (जेसीसी) की बैठक से कर्मचारियों ने कई उम्मीदें पाल रखी हैं। सरकार ने हाल ही में अश्वनी ठाकुर गुट को मान्यता दी है, जो शिमला में 25 सितंबर को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करेगा।

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महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी ठाकुर के साथ पहली बार जीसीसी बैठक होगी। इसमें कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की घोषणा हो सकती है। पंजाब सरकार कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू कर चुका है। हिमाचल भी बेसब्री से इसका इंतजार कर रहा था। मुख्यमंत्री बैठक में इसकी घोषणा कर सकते हैं। अनुबंध सेवाकाल तीन वर्ष से घटाकर दो वर्ष किया जा सकता है। देय डीए की घोषणा का भी एलान हो सकता है। नई पेंशन योजना (एनपीएस) कर्मचारियों को 2009 की अधिसूचना लागू करने के बारे में इसमें फैसला हो सकता है। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी ठाकुर ने बैठक की पुष्टि की है।

उन्होंने बताया कि बैठक ऐतिहासिक होगी और इसमें कई सौगात मिल सकती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार कर्मचारी हितैषी हैं और मुख्यमंत्री कर्मचारियों की प्रमुख मांगों को पूरी करने पर मुहर लगाएंगे।

कई गुटों में बंटे थे कर्मचारी

प्रदेश में अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ कई गुट में बंटा हुआ था। हर गुट खुद को कर्मचारियों का प्रतिनिधि बताकर सरकार से मान्यता देने की मांग कर रहा था। लंबे समय तक मान्यता को लेकर विवाद चलता रहा, जिससे जेसीसी की बैठक नहीं हो पाई। इस दौरान कर्मचारी गुट सरकार से मांगें उठाते रहे लेकिन आधिकारिक तौर पर किसी को मान्यता नहीं थी। पिछले महीने ही सरकार ने टीम अश्वनी को मान्यता दी। मान्यता देने की साथी तय हो गया कि कर्मचारियों का बहुमत इसी गुट के साथ था।


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