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India Surgical Strike: मेरी बगिया का फूल तोड़ा, उनका पूरा बाग उजड़ेगा

India Surgical Strike कुंवारा होता तो पेट में डाल लेती दुख पर दो नन्हे बच्चों को कब तक देती रहूंगी जवाब बेबस पिता की नहीं निकल रही आवाज।

By BabitaEdited By: Published: Wed, 27 Feb 2019 09:19 AM (IST)Updated: Wed, 27 Feb 2019 09:19 AM (IST)
India Surgical Strike: मेरी बगिया का फूल तोड़ा, उनका पूरा बाग उजड़ेगा
India Surgical Strike: मेरी बगिया का फूल तोड़ा, उनका पूरा बाग उजड़ेगा

जवाली, मुनीष गारिया। India Surgical Strike ‘इंयें मेरे बागा रा फुल तोडु हा, तीयां रा पूरा बाग उजड़ी गाणा’ (उन्होंने मेरी बगिया का फूल तोड़ा, उनका पूरा बाग उजड़ जाएगा)। एयर स्ट्राइक के बाद यह कहना है पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए धेवा गांव के तिलक राज की मां बिमला देवी का। मन पर बोझ रख कर पोते को दुलारती हुई शहीद की माता कहती हैं, ‘सरकार ने यह कार्रवाई उचित समय पर की है। हमारे भी तो बच्चे शहीद हुए हैं। घर के आंगन में बैठकर वे कहती हैं...अब तो रो- रोकर मेरे आंसू भी सूख गए हैं और दिल का दर्द ही शेष है।’ 

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बकौल बिमला, पहले तो इधर-उधर से सुनने को मिलता था कि आतंकी हमले में सैनिक शहीद हुए हैं। उस समय अपने तिलक की सुरक्षा का डर सताता था, लेकिन अब जब यह सब अपने ही आंगन में हुआ है तो दुख खत्म नहीं हो रहा है। गद्दी भाषा में शहीद की मां कहती हैं, ‘कुंआरा भुंदा ता पेटां मा पाई लेंदी दुख, इयां बच्चे जो कहणे तक जवाब दिंदी रेह्ली’ (कुंवारा होता तो पेट में समा लेती दुख और भूलने की कोशिश तो करती पर दो नन्हे बच्चों के सामने कैसे भूलूंगी और कब तक उनके पिता के बारे में जवाब देती रहूंगी)।

सरकार मेरे तिलक की शहादत पर पैसा और नौकरी सहित बहुत कुछ देगी, लेकिन मेरी बहू को कभी उसका जीवन साथी नहीं मिलेगा और कभी हमारे आंगन में खुशियां नहीं आएंगी। मेरा बेटा सामान्य होता तो कुछ और बात होनी थी, लेकिन वह तो कभी किसी के काम को मना नहीं करता था। वह हमेशा घर से यह कहकर निकलता था कि खेतों में काम करने जा रहा हूं, लेकिन कबड्डी व क्रिकेट खेलने के लिए चुपके से ही कभी कांगड़ा तो कभी धर्मशाला पहुंच जाता था। वहीं दूसरी ओर गद्दी कोट और प्लास्टिक के जूते पहने शहीद के पिता लायक राम की आवाज खो गई है। पिता का हाल यह है कि उनकी बात सुनने के लिए करीब आना पड़ रहा है, क्योंकि रो-रोकर उनकी आवाज ही बैठ गई है।

 

कौन थे तिलक राज

कांगड़ा जिले के जवाली हलके के धेवा गांव के निवासी तिलक राज 14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए थे। वे लोकगायक और मशहूर कबड्डी खिलाड़ी थे। उन्होंने पांच मशहूर पहाड़ी गाने गाए थे। वे

अपने परिवार में तीन साल का बेटा वरुण और मात्र 23 दिन का विवान छोड़ गए हैं।


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