अब घर बैठे जान सकेंगे शहर की हवा कितनी जहरीली, मोबाइल फोन पर एसएमएस से मिलेगा अलर्ट; पढ़ें खबर
शहर की हवा कितनी जहरीली है लोग घर बैठे जान सकेंगे। इसके लिए न तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और न ही टेलीविजन चैनलों पर निर्भर रहेगा।
मंडी, हंसराज सैनी। शहर की हवा कितनी जहरीली है, लोग घर बैठे जान सकेंगे। इसके लिए न तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और न ही टेलीविजन चैनलों पर निर्भर रहेगा। अब मोबाइल फोन पर ही एसएमएस से अलर्ट मिलेगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के इंजीनियरों के सहयोग से कम लागत का वायु प्रदूषण सेंसिंग व वार्निंग सिस्टम ईजाद किया है।
वायु प्रदूषण सेंसिंग व वार्निंग सिस्टम की लागत 20 हजार रुपये होगी। इससे नॉइट्रिक ऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, ओजोन ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड, पीएम1 से पीएम 10 तक का आसानी से पता लगेगा। इसके अलावा तापमान, दबाव, आद्र्रता, हवा की गति व दिशा का पता लगाने में सक्षम है। अगर तय मानक से वायु प्रदूषण का स्तर बढऩा शुरू होगा तो यह सिस्टम 15 मिनट पहले अलर्ट के संदेश मोबाइल फोन पर देना शुरू कर देगा। प्रशासन भी सिस्टम के माध्यम से संदेश भेज सकता है। लोग स्मार्ट फोन या लैपटॉप पर लोकेशन पर हवा की गुणवत्ता भी जान सकेंगे।
यह है मौजूदा व्यवस्था
वायु प्रदूषण की निगरानी के लिए केंद्रीय व राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बड़े शहरों में ऑनलाइन पॉल्यूशन मॉनिटरिंग सिस्टम लगा रखे हैं। अभी बोर्ड की वेबसाइट या मीडिया के माध्यम से हवा की गुणवत्ता का पता लगाया जाता है। रियल टाइम सिस्टम की लागत लाखों में है। हर जगह इस सिस्टम को लगाना संभव नहीं है। वायु प्रदूषण का स्तर जांचने की दूसरी मेन्युल तकनीक है। बोर्ड के कर्मचारी 24 घंटे में प्रत्येक आठ-आठ घंटे के अंतराल में रीडिंग लेते हैंं। इससे संबंधित क्षेत्र का एयर इंडेक्स क्या रहा, देरी से पता चलता है। पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने आइआइटी मंडी के विशेषज्ञों को कम लागत की तकनीक विकसित करने का प्रोजेक्ट सौंपा था। स्कूल ऑफ कंप्यूटिंग एवं इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के एसोसियट प्रो. डॉ. वरुण दत्त की इसमें अहम भूमिका रही।
वायु प्रदूषण जांचने की तकनीक महंगी है। हर जगह इसे लगाना संभव नहीं है। आइआइटी द्वारा ईजाद तकनीक की लागत 20 हजार रुपये होगी। डॉ. वरुण दत्त, एसोसिएट प्रोफेसर , आइआइटी मंडी।