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शिमला घूमने आएं तो गेयटी थियेटर जाना न भूलें, जानिए 1887 में अंग्रेजों के बनाए थियेटर का इतिहास

Gaiety Theater Shimla जब भी आप शिमला घूमने का प्रोग्राम बना रहे हैं तो गेयटी थियेटर देखना न भूलें। शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर का नाम तो आप लोगों ने सुना ही होगा। वर्ष 1887 में यह थियेटर बनाया गया है जो देश और प्रदेश में इतिहास संजोए है।

By Virender KumarEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 11:37 PM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 11:37 PM (IST)
शिमला घूमने आएं तो गेयटी थियेटर जाना न भूलें। जागरण आर्काइव

शिमला, जागरण संवाददाता। Gaiety Theater Shimla, जब भी आप शिमला घूमने का प्रोग्राम बना रहे हैं तो गेयटी थियेटर देखना न भूलें। शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर का नाम तो आप लोगों ने सुना ही होगा। वर्ष 1887 में यह थियेटर बनाया गया है, जो देश और प्रदेश में इतिहास संजोए है।

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ऐसे तो शिमला में घूमने और देखने के लिए बहुत से पर्यटन स्थल हैं, लेकिन गेयटी थियेटर शिमला का दिल रिज मैदान में स्थित है। शिमला घूमने आने वाला हर एक सैलानी रिज व मालरोड तो जरूर आता है और वहीं विक्टोरियन गोथिक शैली में बना यह ऐतिहासिक गेयटी थियेटर बहुत ही सुंदर और मनोरम है। इसे देखना कभी न भूलें।

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला ऐतिहासिक गोथिक वास्तुकला भवनों के लिए विख्यात है। अंग्रेजों की ग्रीष्मकालीन राजधानी शिमला अथाह इतिहास समेटे हुए है। शिमला शहर में अंग्रेजी शासनकाल में जो निर्माण कार्य हुए हैं वह आज भी अपनी अद्भुत कला शैली के लिए विश्वभर में विख्यात हैं। शिमला में कई स्मारक और इमारतें हैं जिन्हें भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान सर्वश्रेष्ठ वास्तुकारों ने डिजाइन और निर्मित किया है। इन्हीं विशाल इमारतों में से एक है शिमला की प्रसिद्ध ऐतिहासिक इमारत गेयटी थियेटर है।

शिमला प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ ऐतिहासिक महत्व से भी काफी मनोरम पर्यटक स्थल है। शिमला भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, पीटरहाफ के साथ शिमला के मालरोड में गेयटी थियेटर भी एक ऐतिहासिक इमारत है जो कि बहुत ही सुंदर है। जो भी मालरोड घूमता है वह उसके बाहर फोटो लेना नहीं भूलता। कोरोना काल से लेकर गेयटी पर्यटकों के लिए अभी तक बंद था जिसे अब खोल दिया गया है। अब हर व्यक्ति इसे अंदर जाकर देख सकता है।

अंग्रेजी हुकूमत के समय गेयटी में भारतीयों के आने पर रोक थी। इसमें अंग्रेजों की सभ्यता के कार्यक्रमों का आयोजन होता था, लेकिन अब भारतीय संस्कृति के साथ-साथ हिमाचली सभ्यता का भी मंचन होता है। इसमें विभिन्न प्रकार के नाटक, प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाता है जिसे एक आम नागरिक बिना किसी रोक-टोक के देख सकता है। यह शिमला घूमने आ रहे पर्यटकों के लिए भी खुला है।

गेयटी में भारतीयों व विदेशियों के लिए अनुमति

कोरोना काल से अब तक गेयटी पर्यटकों के लिए प्रतिबंधित था, लेकिन अब सभी को प्रवेश के लिए अनुमति दे दी गई है। गेयटी में प्रवेश के लिए भारतीयों को 10 रुपये की टिकट व विदेशियों को 25 रुपये की टिकट लेनी होगी। पर्यटक अब गेयटी थियेटर की अंदर से खूबसूरती को देख सकते हैं और यहां की यादों को संजो सकते हैं।

1887 में बना था गेयटी थियेटर

शिमला की ऐतिहासिक धरोहर गेयटी थियेटर न केवल विदेशियों के लिए आकर्षण का केंद्र है बल्कि सिने जगत से जुड़े अभिनेताओं और थियेटर से जुड़े कलाकारों का दिल इस थियेटर के लिए धड़कता है। इस थियेटर का वर्चस्व ब्रिटिशकालीन समय से लेकर अभी तक भी उसी तरह बरकरार है। यह वर्ष 1887 में बनाया गया जो देश और प्रदेश के तमाम तरह के इतिहास को संजोए हुए है। गेयटी थियेटर का निर्माण ब्रिटिश आर्किटेक्ट हैनरी इरविन ने विक्टोरियन गोथिक शैली में किया है।


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