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एचआरटीसी को मिले 565 कंडक्टर

हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) को आखिरकार 565 कंडक्टर और मिल गए हैं। कर्मचारी चयन आयोग की सिफारिश पर निगम प्रबंधन ने तैनाती के आदेश जारी किए हैं। इस संबंध में निगम के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार ने आदेश जारी किए हैं।

By Neeraj Kumar AzadEdited By: Published: Fri, 19 Nov 2021 08:15 PM (IST)Updated: Fri, 19 Nov 2021 08:15 PM (IST)
एचआरटीसी को मिले 565 कंडक्टर। जागरण आर्काइव

राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) को आखिरकार 565 कंडक्टर और मिल गए हैं। कर्मचारी चयन आयोग की सिफारिश पर निगम प्रबंधन ने तैनाती के आदेश जारी किए हैं। इस संबंध में निगम के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार ने आदेश जारी किए हैं। चयनित अभ्यर्थी की नियुक्ति अनुबंध आधार पर होगी। हर कर्मी को 8130 रुपये मासिक वेतन मिलेगा। इन्हें अब 15 दिनों की ट्रेनिंग करनी होगी।

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गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में कंडक्टर भर्ती के लिए कर्मचारी चयन आयोग ने लिखित परीक्षा करवाई थी। यह परीक्षा 568 पदों के लिए रखी गई थी। इसके लिए पूरे हिमाचल में 304 परीक्षा केंद्र बनाए थे, जबकि 60 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।लेकिन दो जगहों पर शिमला व कांगड़ा जिले के शाहपुर स्थित परीक्षा केंद्रों में मोबाइल फोन लेकर पहुंचे अभ्यर्थियों ने फोटो खींचे और लीक कर दिए। शाहपुर के अभ्यर्थी का भेजा फोटो वायरल हो गया था। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर मामला दर्ज किया था। इससे भर्ती विवादों में आ गई थी। सरकार ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए थे, लेकिन लिखित परीक्षा रद नहीं हुई थी। मामले की सीआइडी ने जांच की थी।

पहली बार आयोग के माध्यम से हुई भर्ती

प्रदेश में एचआरटीसी के कंडक्टरों की पहली बार आयोग के माध्यम से भर्ती करवाई गई थी। इससे पहले निगम प्रबंधन खुद ही भर्ती आयोजित करना था। पिछली कई भर्तियां विवादों में रही।

अब ढाई सौ कंडक्टरों की रह गई कमी

नई भर्ती के बाद अब निगम में करीब ढाई सौ पदों की कमी और रह गई है। अनुबंध पर हुई भर्ती में ये तीन साल के बाद नियमित हो सकेंगे। निगम भी नियमितीकरण के लिए राज्य सरकार की नीति को लागू करता है।

600 बसें हैं सड़कों किनारे खड़ी

अभी एचआरटीसी की 2700 बसें सेवाएं दे रही हैं। जबकि 600 बसें सड़कों किनारे धूल फांक रही है। अब ये दौड़ सकेंगी। जैसे ही ट्रेङ्क्षनग पूरी होगी, निगम की इन बसों में सेवाएं ली जाएगी। कोरोना काल में निगम को एक हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। कंडक्टर के आने से स्टाफ की कमी पहले की तरह नहीं रहेगी।


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