Hindi Diwas 2021: इंटरनेट मीडिया ने आसान किया हिंदी सीखना, आम बोलचाल की भाषा के रूप में उभर रही
Hindi Diwas 2021 हिंदी भाषा केवल खुद ही विकसित नहीं हो रही बल्कि अपने साथ अन्य भारतीय भाषाओं को भी प्रफुल्लित कर रही है। अब तक हिंदी सीखने के लिए किताबी अध्ययन करना आवश्यक होता था लेकिन अब दौर बदल गया है।
धर्मशाला, मुनीष गारिया। Hindi Diwas 2021, हिंदी भाषा केवल खुद ही विकसित नहीं हो रही, बल्कि अपने साथ अन्य भारतीय भाषाओं को भी प्रफुल्लित कर रही है। अब तक हिंदी सीखने के लिए किताबी अध्ययन करना आवश्यक होता था, लेकिन अब दौर बदल गया है। इंटरनेट मीडिया से भी हिंदी सीखना आसान हो गया है और आम बोलचाल की भाषा के रूप में उभरकर सामने आ रही है और अंग्रेजी को भी पीछे छोडऩे लगी है। हिंदी को आम बोलचाल की भाषा बनाना है। सबसे अच्छी बात यह है कि बोलचाल की भाषा में व्याकरणीय सटीकता एवं शुद्धता की बंदिश नहीं होती।
इंटरनेट मीडिया में हिंदी भाषा आए दिन नए आयाम स्थापित कर रही है। जिस तरह से हिंदी भाषा का विकास हो रहा, उससे यह बात स्पष्ट है कि आने वाले समय में हिंदी अंग्रेजी को पीछे कर देगी और हिंदी बोलने वाले अंग्रेजी की तुलना में अधिक होंगे। साथ ही विश्वपटल में शीर्ष पर काबिज होगी। मातृभाषा के विकास में इंटरनेट मीडिया का अहम योगदान है।
एसोसिएट प्रोफेसर हिंदी विभाग सीयू हिमाचल प्रदेश डा. राजकुमार का कहना है हिंदी का महत्व दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है। वैश्विक परिवेश में हिंदी का चलन इसलिए बढ़ रहा है, क्योंकि इसकी मांग भी बढ़ रही है। हिंदी भाषा के शब्द राजनीतिक क्षमता भी रखे हैं। मातृभाषा हिंदी ने कई भाषाओं को मात देकर धाक जमाई है। हिंदी के विकास में कबीरदास, गुरुनानक देव, तुलसीदास, मीरा और हिमाचल प्रदेश के चंद्रधर शर्मा गुलेरी का बड़ा योगदान रहा है। इंटरनेट मीडिया ने हिंदी के विकास की रफ्तार में तेजी ला दी है और शीघ्र इसके परिणाम आएंगे।
क्या कहते हैं हिंदी शोधार्थी
- शोधार्थी सीयू हिमाचल प्रदेश तुषार शर्मा कहते हैं हिंदी भाषा की खास बात यही है कि इसमें भावों के हिसाब में शब्द होते हैं। इसके विपरीत अंग्रेजी में भावों को व्यक्त करने के लिए अलग शब्द नहीं होते। इंटरनेट मीडिया पर लगातार प्रचलित हो रही हमारी हिंदी भाषा आने वाले दिनों में शीर्ष पर होगी।
- सीयू हिमाचल प्रदेश के शोधार्थी अमर कुमार का कहना है भारतीय लोगों के लिए हिंदी सिर्फ भाषा नहीं बल्कि अपनेपन का अहसास करवाती है। जब कोई हिंदी में बात करता है तो ऐसा लगता है कि कोई अपना ही बात कर रहा है। यह अहसास विदेशों में रहने वाले भारतीय महसूस करते हैं।
- सीयू हिमाचल प्रदेश के शोधार्थी महेंद्र सिंह ने कहा नई शिक्षा नीति में भी मातृभाषा को तरजीह दी गई है। भारत की नई शिक्षा नीति हिंदी और इसके अधीन फलने-फूलने वाली क्षेत्रीय भाषाओं का विकास करेगी। इसमें इंटरनेट मीडिया का भी अहम योगदान होगा।
- शोधार्थी सीयू हिमाचल प्रदेश तेज सिंह ने कहा इंटरनेट मीडिया पर हिंदी के उपयोग में अब भावनात्मक चर्चा बिना फोन किए संदेश के माध्यम से की जा सकती है। इंटरनेट मीडिया पर पहले अंग्रेजी लिखने वाले को ही प्रखर माना जाता था, लेकिन अब ङ्क्षहदी लिखने वाले को भी बुद्धिजीवी समझा जाता है।