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हिमालयन मोनाल नेशनल एरोफेस्ट प्रतियोगिता का खजियार में हुआ शुभारंभ

हिमालयन मोनाल नेशनल एरोफेस्ट प्रतियोगिता का शुक्रवार को चंबा के खजियार में शुभारंभ किया गया। इस प्रतियोगिता के लिए जहां 30 एनडीआरएफ कर्मी मौके पर तैनात किए गए है वहीं पुलिस व होमगार्ड के जवानों की भी ड्यूटी लगाई गई है।

By Richa RanaEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 12:51 PM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 12:51 PM (IST)
हिमालयन मोनाल नेशनल एरोफेस्ट प्रतियोगिता का खजियार में हुआ शुभारंभ
हिमालयन मोनाल नेशनल एरोफेस्ट प्रतियोगिता का शुक्रवार को चंबा के खजियार में शुभारंभ किया गया।

चंबा, जागरण संवादददाता। हिमालयन मोनाल नेशनल एरोफेस्ट प्रतियोगिता का शुक्रवार को चंबा के खजियार में शुभारंभ किया गया। इस प्रतियोगिता के लिए जहां 30 एनडीआरएफ कर्मी मौके पर तैनात किए गए है, वहीं पुलिस व होमगार्ड के जवानों की भी ड्यूटी लगाई गई है, ताकि किसी भी दुर्घटना की स्थिति में तुरंत राहत एवं बचाव कार्य को अंजाम दिया जा सके।

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एसडीएम चंबा नवीन तन्वर ने बताया कि पैराग्लाइडिंग के लिए जो साइट चिन्हित की गई है वह सुरक्षा की दृष्टि से उपयुक्त है। यहां पर पैराग्लाइडर के भटकने की संभावना कम है, लेकिन फिर भी प्रशासन की ओर से अपने स्तर पर पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। चलो चंबा अभियान के तहत 26 नवंबर से 28 नवंबर तक खज्जियार में हिमालयन मोनाल नैशनल एरोफेस्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इसमें देश के 15 राज्यों के 100 से अधिक पैराग्लाइडर भाग ले रहे हैं। पहली बार जिले में इस तरह की प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। आपातकालीन परिस्थिति से निपटने के लिए हैलीकाप्‍टर की व्यवस्था भी मौजूद है। प्रतियोगिता दो श्रेणियों में होगी। इसमें सोलो व टैंडम शामिल हैं। प्रतियोगिता में पहला स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी को 75000 रुपए नकद इनाम दिया जाएगा। इसके अलावा दूसरा पुरस्कार 50000 और तीसरा 25 हजार रुपये है। इसके अलावा 10 सांत्वना पुरस्कार भी दिए जाएंगे।

सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे मुख्य आकर्षण

हिमालयन मोनाल नैशनल एरोफेस्ट प्रतियोगिता के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होगा। यह कार्यक्रम दोपहर 2 बजे के बाद शुरू होंगे और देर शाम तक जारी रहेंगे। इस दौरान लोक कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे। विशेषकर जनजाति क्षेत्रों की लोक संस्कृति की झलक भी देखने को मिलेगी। लाहौल स्पीति, किन्नौर व जिला के जनजातीय क्षेत्र भरमौर व पांगी के लोक कलाकार अपनी लोक संस्कृति को पेश करेंगे।


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