कांग्रेस विधायकों ने रिज पर महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे दिया धरना, सदन में विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप
Himachal Vidhan Sabha कांग्रेस विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष की अगुवाई में रिज पर महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे बैठकर धरना दिया।
शिमला, जेएनएन। कांग्रेस विधायक दल ने भाजपा सरकार के दलित विरोधी, अनुसूचित जनजाति विरोधी और अन्य पिछड़ा वर्ग विरोधी होने के कारण रिज मैदान पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे धरना दिया। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्िनहोत्री ने विधानसभा में विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया। कांग्रेस विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष की अगुवाई में रिज पर महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे बैठकर धरना दिया।
दिन में प्रदेश में अनुसूचित जाति एवं जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग की उपेक्षा को लेकर विधानसभा में काम रोको प्रस्ताव की इजाजत नहीं मिलने से नाराज विपक्ष ने विरोधस्वरूप सदन से वॉकआउट किया। वीरवार को विधानसभा में इससे पहले प्रश्नकाल शुरू होता कि कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी ने प्वांइट ऑफ ऑर्डर के तहत नियम-67 के तहत एससी, एसटी आरक्षण को लेकर चर्चा की मांग उठाई। उनका तर्क था कि इन तीन वर्गों की तीस फीसद से अधिक जनसंख्या के साथ उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है।
विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार की ओर से चर्चा के लिए स्वीकृति नहीं मिलने पर नाराज विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए विधानसभा से वॉकआउट किया। मानसून सत्र के नौवें दिन कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी, कर्नल धनीराम शांडिल, नंद लाल व माकपा विधायक राकेश सिंघा की ओर से काम रोको प्रस्ताव लाकर चर्चा करने का प्रस्ताव दिया गया था। इससे पहले की इस मामले में कोई समाधान निकलता, दोनों पक्षों की ओर से सदस्य एक-दूसरे पर निशाना साधने लगे। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए समय न मिलने पर नाराज विपक्ष ने वॉकआउट किया।
बड़े मुद्दों से भाग रही भाजपा
कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा हैरानी इस बात की है कि विधानसभा में एक सुनियोजित ढंग से बेहद मामूली मुद्दों पर चर्चा हो रही है। इस तरह के मामलों पर अधिक समय बर्बाद किया जा रहा है, जबकि गंभीर व प्रदेश में जनहित के मुद्दों पर चर्चा करने की इजाजत नहीं दी जा रही। भाजपा सरकार दलित विरोधी, जनजातीय विरोधी व अन्य पिछड़ा वर्ग विरोधी है।
दलितों पर अत्याचार हो रहे
कांग्रेस विधायक कर्नल धनीराम शांडिल ने कहा इस सरकार में दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं। दलितों व जनजातीय लोगों के साथ-साथ अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। चाेर दरवाजे से जल शक्ति महकमे में भर्तियां हो रही हैं। पिछले रोज प्रदेश के विभिन्न भागोें से आए दलित समुदाय के लोगों के साथ भेदभाव होने से जुड़ा मांग पत्र मुख्यमंत्री को दिया गया। देखते हैं कि भाजपा सरकार में इस मांग पत्र पर कोई कार्रवाई होती है।
सरकारी क्षेत्र में पिस रहा है कर्मचारी
माकपा विधायक राकेश सिंघा ने कहा नव उदारवाद के इस दौर में अधिकांश रोजगार आउटसोर्सिंग के माध्यम से दिया जा रहा है। अनुबंध प्रणाली, ठेका प्रथा में रोजगार चला गया है। कुल मिलाकर सरकारी क्षेत्र का निजीकरण हो गया है। इस तरह के माध्यमों से दिया जा रहा रोजगार श्रम कानून के दायरे में नहीं आता है। न ही संविधानिक प्रावधान लागू होता है।