Himachal Vidhan Sabha: मानसून सत्र में हुईं 10 बैठकें, 47 घंटे चली कार्यवाही, जानिए क्या कार्य हुए
Himachal Vidhan Sabha हिमाचल प्रदेश का विधानसभा सत्र 10 बैठकों और 47 घंटे चली सदन की कार्यवाही के साथ शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।
शिमला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश का विधानसभा सत्र 10 बैठकों और 47 घंटे चली सदन की कार्यवाही के साथ शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। सत्र के समापन पर सदन के नेता व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि मानसून सत्र 10 बैठकों के कारण आज तक सबसे लंबा और नियम 67 के तहत विपक्ष के कोरोना को लेकर लाए गए स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए जाना जाएगा। हिमाचल राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर चर्चा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सत्र में नए मंत्रियों का परिचय भी करवाया गया है। विपक्ष हमेशा कहता था कि मंत्रियों के पद रिक्त हैं, अब ये पद भी रिक्त नहीं हैं और सभी नए मंत्रियों ने अच्छे से सदन में जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने विधानसभा सत्र के दौरान जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि लोगों को इस संक्रमण से बचाव के लिए जागरूक किया जाए। उन्होंने सभी का आभार भी जताया।
हालात सामान्य होंगे तो बदले जाएंगे फैसले
जयराम ठाकुर ने कहा प्रदेश सरकार ने कुछ कठोर निर्णय लिए हैं, लेकिन जैसे ही हालात सामान्य होंगे, सभी निर्णयों को फिर से ठीक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट में जहां दूसरे राज्यों में एक से चार दिन का सत्र बुलाया गया। हमने बजट सत्र की भरपाई और 35 बैठकों को पूरा करने के लिए 10 बैठकें रखीं। हमें कोरोना संक्रमण के साथ जीना पड़ेगा यह सत्य है। हिमाचल की आर्थिकी में भी सुधार हो इस बात की भी भारी आवश्यकता थी। पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को रोजगार मिले, इसके लिए भी निर्णय लिए गए। प्रदेश की जनता से भरपूर सहयोग मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे लोग जिनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं हैं उन्हें घर पर ही आइसोलेशन में रहने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
12 सरकारी विधेयक पारित, 434 तारांकित व 223 अतारांकित प्रश्नों के दिए उत्तर : परमार
विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने मानसून सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पूर्व कहा कि शायद किसी को अंदाजा नहीं था कि कोरोना महामारी के कारण 10 दिवसीय सत्र का आयोजन हो पाएगा या नहीं। 12 सरकारी विधेयक भी सभा में चर्चा के बाद पारित किए। सत्र के दौरान कुल 434 तारांकित व 223 अतारांकित प्रश्नों की सूचनाओं पर सरकार ने उत्तर दिए। नियम 67 के अंतर्गत स्थगन प्रस्ताव पर सदन में दो दिन चर्चा हुई, जिस पर विपक्ष व पक्ष के 28 सदस्यों ने छह घंटे 25 मिनट चर्चा में भाग लिया चर्चा के बाद मुख्यमंत्री ने एक घंटे तक चर्चा का जवाब दिया। नियम 61 के तहत पांच विषयों, नियम 62 के तहत 10 विषयों व नियम 130 के तहत पांच प्रस्तावों पर चर्चा हुई। इसके अतिरिक्त नियम 101 के तहत दो गैर सरकारी संकल्प व पिछले सत्र में प्रस्तुत संकल्प पर भी चर्चा की और सदस्यों ने सुझाव दिए व संकल्प वापस लिए। इसके अतिरिक्त नियम 324 के अंतर्गत विशेष उल्लेख के माध्यम से नौ विषय सभा में उठाए और समितियों ने भी 55 प्रतिवेदन सभा में उपस्थापित किए।
विपक्ष के पास विरोध ही हथियार : अग्निहोत्री
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि विपक्ष का काम सरकार को सचेत करना है। कई बार टकराव भी हुआ। उन्होंने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री तो विपक्ष के हित सुरक्षित करते हैं, लेकिन टकराव हुआ। विपक्ष का काम जनता की आवाज को उठाना है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास विरोध ही सबसे बड़ा हथियार है। यदि इस हथियार को छीन लेंगे तो विपक्ष कहां जाएगा। विपक्ष ने हर संभव सहयोग दिया और सकारात्मक व्यवहार अपनाया। इससे पूर्व जब भाजपा विपक्ष में थी तो हमसे ज्यादा विरोध करती थी। सरकार को कोरोना के इस संकट में हर सहयोग रहेगा। विकट स्थिति में सरकार भी सर्वदलीय बैठक बुलाकर निर्णय ले सकती है।