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राजनीति को किनारे छोड़ वीरभद्र सिंह के योगदान को याद करेगा सदन, विक्रमादित्‍य पहली बार पिता के बिना पहुंचेंगे

Tribute Virbhadra Singh आधुनिक हिमाचल के निर्माता कहलाने वाले वीरभद्र सिंह राजनीति से ऊपर नजर आएंगे। विधानसभा के मानसून सत्र में सियासत पीछे छूट जाएगी और इंसान और इंसानियत पर सब बखान करेंगे। वीरभद्र सिंह का जुलाई महीने में देहांत हो गया था

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 11:34 AM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 11:34 AM (IST)
धुनिक हिमाचल के निर्माता कहलाने वाले वीरभद्र सिंह राजनीति से ऊपर नजर आएंगे।

शिमला, राज्य ब्यूरो। Tribute Virbhadra Singh, आधुनिक हिमाचल के निर्माता कहलाने वाले वीरभद्र सिंह राजनीति से ऊपर नजर आएंगे। विधानसभा के मानसून सत्र में सियासत पीछे छूट जाएगी और इंसान और इंसानियत पर सब बखान करेंगे। प्रदेश की राजनीति में वीरभद्र सिंह का कद इतना ऊंचा रहा है कि आज दोपहर दो बजे सदन में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर उनके योगदान को सराहेंगे। वीरभद्र सिंह का जुलाई महीने में देहांत हो गया था, जबकि भाजपा के दिग्गज नेता नरेंद्र बरागटा का जून में निधन हो गया था। स्वर्गीय वीरभद्र सिंह अर्की विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक थे तो स्वर्गीय नरेंद्र बरागटा जुब्बल-काेटखाई से भाजपा विधायक थे।

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वर्तमान में तेरहवीं विधानसभा के विधायक होने के नाते भी सम्मान स्वरूप शोक प्रस्ताव के बाद विधानसभा की कार्यवाही पहले दिन स्थगित होगी। लेकिन हिमाचल प्रदेश के छह बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह सदन में सियासत से ऊपर रहेंगे। सत्तापक्ष की ओर से भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के अतिरिक्त सरकार के मंत्रियों में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज सहित अन्य नेता भी उन्हें याद करेंगे।

विपक्ष में बैठी कांग्रेस तो वीरभद्र सिंह को आधुनिक हिमाचल का निर्माता बताएगी। 25 साल के मुख्यमंत्री काल में विकास की गाथा सुनाई जाएगी। निसंदेह वीरभद्र सिंह का प्रदेश के विकास में योगदान रहा है। 1983 में इंदिरा गांधी ने वीरभद्र सिंह को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी देकर भेजा था। उस समय प्रदेश की कमान रामलाल के हाथ में थी। इन पच्चीस वर्षों के दौरान प्रदेश में आधारभूत ढांचा विकसित हुआ। प्रदेश में सड़क निर्माण ने गति पकड़ी। जल विद्युत के क्षेत्र में प्रदेश ने आगे बढ़ने के लिए कदम उठाए।

पत्रकारिता से राजनीति में आए मुकेश अग्निहोत्री को वर्तमान मुकाम में पहुंचाने में वीरभद्र सिंह का हाथ रहा है। नेता प्रतिपक्ष होने के नाते मुकेश अग्निहोत्री वीरभद्र सिंह के राजनीतिक सफर पर अपना भाषण केंद्रित करेंगे। वर्तमान विधानसभा में आशा कुमारी, रामलाल ठाकुर सहित कई बड़े नेता मौजूद हैं जो अपने शब्दों से माहौल को नई ऊंचाइयां देंगे।

स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह 13वीं विधानसभा में कांग्रेस टिकट पर विधायक बनकर आए हैं। पिछले तीन साल से अधिक समय से पिता को सहारा देकर विक्रमादित्य सिंह सीट पर बिठाते थे। पहला मौका रहेगा, जब विक्रमादित्य अकेले सदन में पहुंचेंगे।


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