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बेसहारा पशुओं से मुक्‍त होंगी हिमाचल की सड़कें, किसानों की फसल भी नहीं होगी बर्बाद, 22 करोड़ से बनेंगी आठ गो सेंक्‍चुअरी

Cow Sanctuary in Himachal हिमाचल प्रदेश की सड़कों को बेसहारा पशु मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध प्रदेश सरकार हर स्तर पर प्रयास कर रही है। एक फरवरी 2019 तक जहां 8248 बेसहारा गौवंश प्रदेश के विभिन्न गो सदनों में था।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sat, 26 Jun 2021 02:14 PM (IST)Updated: Sat, 26 Jun 2021 02:14 PM (IST)
बेसहारा पशुओं से मुक्‍त होंगी हिमाचल की सड़कें, किसानों की फसल भी नहीं होगी बर्बाद, 22 करोड़ से बनेंगी आठ गो सेंक्‍चुअरी
आधुनिक गौ अभ्यारण्य तथा बड़ी गौशालाओं का निर्माण किया जा रहा है।

ऊना, जागरण संवाददाता। Cow Sanctuary in Himachal, हिमाचल प्रदेश की सड़कों को बेसहारा पशु मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध प्रदेश सरकार हर स्तर पर प्रयास कर रही है। एक फरवरी 2019 तक जहां 8,248 बेसहारा गौवंश प्रदेश के विभिन्न गो सदनों में था। निरंतर प्रयासों से प्रदेश सरकार अब तक 17,407 बेसहारा पशुओं को छत्त प्रदान करने में सफल रही है। शनिवार को पंचायतीराज एवं पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि प्रदेश की सड़कें सुरक्षित बनें और किसान भी बेसहारा पशुओं की समस्या से खेतीबाड़ी छोड़ने को मजबूर न हों, इस दिशा में आधुनिक गौ अभ्यारण्य तथा बड़ी गौशालाओं का निर्माण किया जा रहा है।

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उन्होंने बताया कि सिरमौर जिला के कोटला बड़ोग में 1.67 करोड़ रुपये से गौ-अभ्यारण्य बन कर तैयार है, जहां पर 245 गौवंश को आश्रय प्रदान किया गया है। इसके साथ ही ऊना के थाना खास में भी 2.03 करोड़ रुपए की लागत से बने गौ अभ्यारण्य में 230 बेसहारा पशुओं को रखा गया है। इसके अतिरिक्त सोलन जिला के हांडाकुंडी गौ अभ्यारण्य में 2.97 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार है, जिसमें 502 बेसहारा पशुओं को रखा गया है। इन तीन गौ अभ्यारण्यों में 977 बेजुबानों को सहारा मिल चुका है।

बेसहारा पशुओं को आश्रय प्रदान करने की क्षमता को बढ़ाने के लिए तथा बेसहारा पशुओं की समस्या के निपटारे के लिए जिला कांगड़ा में पांच गौ-अभ्यारण्य निर्माणाधीन हैं। एक करोड़ रुपए की लागत से कुडान में, 3 करोड़ रुपये की लागत से लुथान में, 2.67 करोड़ रुपए की लागत से खब्बल में, 1.87 करोड़ रुपए की लागत से कांगियां में गौ अभ्यारण्य तथा 1.66 करोड़ की लागत से चंबा जिला के मंझीर में बड़े गौ सदन बनाने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है।

इसके अतिरिक्त कांगड़ा जिला के मरहून में भी गौ-अभ्यारण्य खोलने के लिए स्वीकृति का इंतजार किया जा रहा है। इन छह स्थानों पर 4500 बेसहारा पशुओं को रखने की व्यवस्था की जाएगी। कंवर ने कहा कि पशु पालन विभाग के माध्यम से करवाए गए सर्वे के आधार पर लगभग 13,508 गौवंश सड़क पर है। कंवर ने कहा कि प्रदेश में 12 गौ अभ्यारण्यों तथा 198 गौशालाओं को अगस्त 2020 से अप्रैल 2021 तक 5.76 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद प्रदान की गई है।


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