शिमला शहर में बंदरों की दहशत, ढली की आंबेडकर कालाेनी में व्यक्ति को काटा, IGMC में उपचाराधीन
Shimla Monkey Attacks राजधानी शिमला में बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। शनिवार को ढली की आंबेडकर कालोनी में बंदरों ने एक व्यक्ति को काट लिया। बंदर के हमले से व्यक्ति घायल हुआ है। उसे आइजीएमसी अस्पताल में उपचार दिया गया।
शिमला, जागरण संवाददाता। Shimla Monkey Attacks, राजधानी शिमला में बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। शनिवार को ढली की आंबेडकर कालोनी में बंदरों ने एक व्यक्ति को काट लिया। बंदर के हमले से व्यक्ति घायल हुआ है। उसे आइजीएमसी अस्पताल में उपचार दिया गया। सामाजिक कार्यकर्ता रवि कुमार का कहना है कि रोजाना इस तरह की घटनाएं हो रही हैं, लेकिन नगर निगम प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। जहां पहले दो या चार बंदर दिखते थे, वहां पर अब इनकी संख्या 20 से 25 हो गई है।
रिपन अस्पताल में बंदरों व कुत्ते के काटने के रोजाना 10 से 12 मामले पहुंच रहे हैं। कई बार इनके आतंक के कारण लोगों की टांगें व बाजू भी टूट चुके हैं। लोग इनसे बचने के लिए भागते हैं और इसी हड़बड़ाहट में नीचे गिरकर जख्मी हो जाते हैं। इस संबंध में वाइल्ड लाइफ विंग का कहना है कि नियमों के तहत ही बंदरों की नसबंदी कर सकते हैं।
रिज, मालरोड, संजौली, समरहिल क्षेत्र बंदरों व कुत्तों से सबसे अधिक प्रभावित
शहर के पाश इलाके रिज, मालरोड, संजौली, समरहिल क्षेत्र बंदरों व लावारिस कुत्तों से सबसे अधिक प्रभावित हैं। इसी तरह से उपनगर टुटू, विजयनगर, कसुम्पटी, न्यू शिमला सहित सभी स्थानों पर लावारिस कुत्ते बढ़ रहे हैं। निगम प्रशासन के पास इनकी नसबंदी के अलावा कोई रास्ता नहीं है, हालांकि लोग कुत्तों व बंदरों को पकड़ कर दूसरे स्थानों पर छोडऩे की मांग कर रहे हैं। लोगों को बंदरों व कुत्तों के डर के कारण बच्चों को स्कूल छोडऩे भी खुद जाना पड़ता है।