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हिमाचल में स्‍कूलों का आधारभूत ढांचा सुदृढ़ हुआ, परफार्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स में वन प्‍लस ग्रेड, इन पांच बिंदुओं पर आकलन

Himachal Pradesh Education Rank कोरोना काल में भी हिमाचल में स्कूलों का आधारभूत ढांचा सुदृढ़ हुआ है। शिक्षा का स्तर बेहतर हुआ है। परफार्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआइ) में हिमाचल को ग्रेड वन प्लस मिला है। हिमाचल ने 1000 में से 839 अंक हासिल किए हैं।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Wed, 29 Jun 2022 09:19 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2022 09:19 AM (IST)
कोरोना काल में भी हिमाचल में स्कूलों का आधारभूत ढांचा सुदृढ़ हुआ है।

शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal Pradesh Education Rank, कोरोना काल में भी हिमाचल में स्कूलों का आधारभूत ढांचा सुदृढ़ हुआ है। शिक्षा का स्तर बेहतर हुआ है। परफार्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआइ) में हिमाचल को ग्रेड वन प्लस मिला है। हिमाचल ने 1000 में से 839 अंक हासिल किए हैं। 2018-19 में प्रदेश ने 1000 में से 799 अंक हासिल किए थे। शिक्षा मंत्रालय ने परफार्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स 2019-20 की रिपोर्ट जारी की है। 2018-19 के मुकाबले हिमाचल ने कई क्षेत्रों ने बेहतर स्थान हासिल किया है। शिक्षा की गुणवत्ता, बुनियादी सुविधाएं, समान शिक्षा और गवर्नेंस प्रोसेस के मामले में हिमाचल ने देश के कई राज्यों को पीछे छोड़ा है। मंत्रालय ने गुणात्मक शिक्षा के पैमाने पर आधारित परफार्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स रिपोर्ट को तैयार किया है। राज्यों से आई सूचना के आधार पर 2019-20 की रिपोर्ट तैयार हुई है।

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इन पांच बिंदुओं पर आंकी शिक्षा व्यवस्था

शिक्षा व्यवस्था के प्रदर्शन के लिए पांच मानक तय किए थे। अंकों में इन्हें विभाजित किया था, जो कि शून्य से 1000 वेटेज पर आधारित था।

किसमें कितने अंक

  • मद, 2018-19, 2019-20
  • लर्निंग आउटकम एंड क्वालिटी,140,140
  • शिक्षा की पहुंच,74 77
  • बुनियादी सुविधा,126,131
  • समान शिक्षा,204,220
  • गवर्नेंस प्रोसेस,255,271
  • कुल,799,839

राजस्थान, केरल व पंजाब से पिछड़ा

हिमाचल ने भले ही कई क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन किया है, लेकिन राजस्थान, केरल व पंजाब से कई क्षेत्रों में पिछड़ गया है। राजस्थान ने लर्निंग आउटकम सुधारा है, जबकि पंजाब ने बुनियादी ढांचे सहित कई चीजों में सुधार किया है।

बुक बैंक व लाइब्रेरी बनाने के मिले अंक

रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल ने प्राइमरी स्तर पर मूलभूत सुविधाएं देने में सुधार किया है। 2018-19 में हिमाचल को इसमें छह अंक मिले थे। 2019-20 में 12 अंक मिले हैं। स्कूलों में बुक बैंक व लाइब्रेरी स्थापित करने के 20 अंक मिले हैं, जबकि 2018-19 में 18 अंक मिले थे।

किताबें व वर्दी देने में देरी से कम हुए अंक

स्कूलों में निश्शुल्क किताब व वर्दी आवंटन में देरी का खामियाजा भुगतना पड़ा है। इससे अंकों में कमी आई है। हिमाचल को 2019-20 में वर्दी आवंटन में देरी के कारण सात 7 ही अंक मिले हैं, जबकि 2018-19 में आठ अंक मिले थे। किताबों के आवंटन में नौ अंक मिले हैं, जबकि पहले 10 अंक मिले थे।

दाखिले बढऩे से मिले ज्यादा अंक

सरकारी स्कूलों में प्री प्राइमरी कक्षाएं शुरू होने के बाद दाखिले बढ़े हैं। इसके भी हिमाचल को अच्छे अंक मिले हैं। इसके लिए नौ अंक मिले हैं, जबकि 2018-19 में छह अंक मिले थे। स्कूलों में दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए रैंप की सुविधा दी गई है। इसके भी आठ अंक मिले हैं।

पारदर्शी तरीके से नहीं हुई भर्ती, मिला शून्य अंक

2019-20 में शिक्षा विभाग में पारदर्शी तरीके से भर्तियां नहीं हो पाईं। इसके लिए शून्य मिला है। 2018-19 में 20 अंक मिले थे। केंद्र प्रायोजित योजनाओं में हिमाचल की हिस्सेदारी का बजट देरी से जारी हुआ है। इस श्रेणी में हिमाचल को केवल तीन अंक मिले, जबकि 2018-19 में 18 अंक मिले थे। फंड एकत्रित करने के चार अंक मिले हैं, जबकि 2018-19 में 10 अंक मिले थे।


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