Himachal News: डेरी विकास के लिए प्रोजेक्ट स्वीकृत, ऊना में डेनमार्क के विशेषज्ञ देंगे युवाओं को प्रशिक्षण
Dairy Development Project डेनमार्क की तकनीक डेरी उद्योग से जुड़े हिमाचल के किसानों का भाग्य बदलेगी। पंचायती राज एवं पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि केंद्र सरकार ने हिमाचल में डेरी विकास के लिए डेनमार्क की तकनीक पर आधारित प्रोजेक्ट मंजूर किया है।
शिमला, राज्य ब्यूरो। डेनमार्क की तकनीक डेरी उद्योग से जुड़े हिमाचल के किसानों का भाग्य बदलेगी। पंचायती राज एवं पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि केंद्र सरकार ने हिमाचल में डेरी विकास के लिए डेनमार्क की तकनीक पर आधारित प्रोजेक्ट मंजूर किया है। हालांकि इस प्रोजेक्ट में 44 करोड़ की राशि प्रदेश ही खर्च करेगा, मगर डेनमार्क के विशेषज्ञ प्रदेश में डेरी उद्यम से जुड़े युवाओं को प्रशिक्षित करेंगे। ऊना जिला के बसाल में डेनमार्क की तकनीक के तहत सेंटर फॉर एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा। इसके लिए भूमि का चयन हो चुका है। इसके लिए 12 करोड़ जारी किए गए हैं। इसमें युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में दुग्ध उत्पादन व्यवसाय अपनाकर युवा स्वरोजगार शुरू कर सकते हैं। प्रदेश में दूध उत्पादन को लेकर बहुत संभावनाएं हैं। अभी प्रदेश दूध के लिए काफी हद तक पड़ोसी राज्यों पर निर्भर है।
वन्य प्राणी सर्वेक्षण पर कार्यशाला आरंभ
शिमला। वन्य प्राणी सर्वेक्षण के विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आरंभ हो गया है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम वन विभाग, वन्य प्राणी विंग संयुक्त तौर पर आयोजित कर रहा है। कार्यशाला का शुभारंभ प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन्य प्राणी राजीव कुमार ने सीपीआरआइ के सभागार में किया। इसमें 60 से अधिक फील्ड अधिकारियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि सभी फील्ड अधिकारी भारतीय प्राणी सर्वेक्षण संस्थान के विशेषज्ञों से वन्यप्राणी सर्वेक्षण के विभिन्न पहलुओं को सीखेंगे एवं इनका प्रयोग सर्वेक्षण के लिए करेंगे । गौरतलब है कि प्रदेशभर में इसी वर्ष तेंदुए एवं भालू प्रजाति की गणना का कार्य किया जाना है। यह कार्यशाला दो दिन तक चलेगी। कार्यशाला में मुख्य अरण्यपाल के थिरुमल, अरण्यपाल सोलन विक्रम समेत कई अधिकारियों ने भाग लिया।