... तो आश्रय हिमाचल कांग्रेस महासचिव के पद से देंगे इस्तीफा, भाजपा विधायक पिता के बयान के बाद गरमाई राजनीति
Mandi Sukhram Family Politics मंडी सदर के विधायक एवं दिवंगत नेता सुखराम के पुत्र अनिल शर्मा व उनका परिवार अब भाजपा में ही रहेगा। उनके पुत्र आश्रय शर्मा भी भाजपा में आएंगे। तो क्या आश्रय अब हिमाचल कांग्रेस महासचिव का पद छोड़ देंगे इस पर चर्चा तेज हो गई है।
मंडी, जागरण टीम। Mandi Sukhram Family Politics, हिमाचल प्रदेश में मंडी के सुखराम परिवार की राजनीति एक बार फिर से चर्चा में है। मंडी सदर के विधायक एवं दिवंगत नेता सुखराम के पुत्र अनिल शर्मा व उनका परिवार अब भाजपा में ही रहेगा। उनके पुत्र आश्रय शर्मा भी भाजपा में आएंगे। अनिल शर्मा के इस बयान के बाद राजनीति गरम है। तो क्या आश्रय अब हिमाचल कांग्रेस महासचिव का पद छोड़ देंगे, इस पर चर्चा तेज हो गई है। हालांकि भाजपा विधायक पिता अनिल शर्मा के बयान के बाद अभी तक आश्रय की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि आश्रय शर्मा ने बीते दिनों ही कांग्रेस की युवा रोजगार यात्रा के दायित्व से मुक्ति ली थी।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सौदान सिंह, प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के साथ अनिल शर्मा की शुक्रवार रात मंडी के एक होटल में बैठक हुई। इसमें अनिल शर्मा से सभी नेताओं ने विस्तार से बात कर उनके मनमुटाव दूर किए। शनिवार को उन्होंने पड्डल मैदान में भाजयुमो की युवा विजय संकल्प रैली में भाग लिया। स्थानीय विधायक होने के नाते उन्हें प्रधानमंत्री के लिए बने मंच पर बैठने के लिए स्थान दिया गया। रैली के बाद होटल राजमहल में पत्रकारों से बातचीत में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की उपस्थिति में जानकारी दी कि अनिल शर्मा भाजपा के विधायक हैं। अब भी साथ हैं। आगे भी साथ रहेंगे, इसमें कोई किंतु-परंतु नहीं है।
अनिल शर्मा ने कहा कि काफी समय से रास्ते अलग-अलग हो गए थे। भाजपा में आने का फैसला पहले उनके पिता सुखराम व बेटे आश्रय शर्मा ने लिया था। अब अपने पूरे परिवार के साथ भाजपा में रहेंगे। उनके बेटे प्रदेश कांग्रेस महासचिव आश्रय शर्मा भी जल्द भाजपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राजनीतिक क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के सामने कई नाजुक मोड़ आते हैं। पीछे जो हुआ वह बीते कल की बात थी। अनिल शर्मा अब पार्टी के साथ मिलकर नया अध्याय लिखेंगे। इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश सहचुनाव प्रभारी देवेंद्र राणा व महामंत्री एवं सुंदरनगर के विधायक राकेश जम्वाल भी उपस्थित थे।
क्यों बढ़ी थी दूरियां
कांग्रेस में रहते हुए सुखराम परिवार पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर अक्सर अपमानित करने का आरोप लगाते रहे। 2017 के विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही सुखराम परिवार ने भाजपा का दामन थाम लिया था। अनिल शर्मा सदर हलके से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े। जयराम सरकार में ऊर्जा मंत्री बने। 2019 के लोकसभा चुनाव में मंडी से टिकट को लेकर विवाद हो गया। टिकट न मिलने से दादा-पोते ने कांग्रेस में वापसी कर ली थी। आश्रय शर्मा ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। इससे विवाद पैदा होने पर अनिल शर्मा को मंत्री पद छोडऩा पड़ा था। तीन साल से दोनों तरफ से वाद-विवाद होता रहा। अब अनिल शर्मा के भाजपा में ही रहने के एलान के बाद इस पर विराम लग गया है।