जिला शिमला के 1814 मेधावियों को मिलेंगे लैपटाप, शिक्षा उपनिदेशक ने स्कूल प्रधानाचार्यों को जारी किया पत्र
Himachal Pradesh Education Newsजिला शिमला के स्कूल व कॉलेजों के मेधावियों का दो सालों से लैपटॉप का इंतजार खत्म हो गया है। शिमला जिला के सरकारी स्कूलों व कॉलेजों के 1814 मेधावियों को लैपटॉप मिलेंगे। 14 अप्रैल को इस का आबंटन शुरू होगा।
शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal Pradesh Education News, जिला शिमला के स्कूल व कॉलेजों के मेधावियों का दो सालों से लैपटॉप का इंतजार खत्म हो गया है। शिमला जिला के सरकारी स्कूलों व कॉलेजों के 1814 मेधावियों को लैपटॉप मिलेंगे। 14 अप्रैल को इस का आबंटन शुरू होगा। उप निदेशक उच्चतर शिक्षा अशोक शर्मा की ओर से इस संबंध में प्रधानाचार्यों को पत्र भेजा है। उन्हें कहा गया है कि जिन छात्रों को लैपटॉप मिलना प्रस्तावित है उनका मोबाइल नंबर, आधार कार्ड और प्रधानाचार्य की कनसेंट का परफॉर्मा तैयार कर उप शिक्षा निदेशक कार्यालय को भेजे। विभाग लैपटॉप केवल विद्यार्थियों को ही देगा। इसका आबंटन उप निदेशक कार्यालय में किया जाएगा। शैक्षणिक सत्र 2018-19 और 2019-20 के मेधावियों को लैपटॉप दिए जाने हैं। 10वीं और 12वीं कक्षा सहित कॉलेजों के मेधावियों को राज्य सरकार सम्मानित करने के लिए लैपटॉप देती है। पिछले दो साल से मेधावी लैपटॉप के इंतजार में हैं। प्रदेश में 19 हजार मेधावियों को यह लैपटॉप मिलने प्रस्तावित हैं।
दिसंबर 2017 में प्रदेश की सत्ता में आई जयराम सरकार अभी तक शैक्षणिक सत्र 2018-19 और 2019-20 के साढ़े 19 हजार मेधावियों को लैपटॉप नहीं दे सकी है। बीते तीन वर्षों से लैपटॉप की खरीद प्रक्रिया ही जारी है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेमकुमार धूमल के कार्यकाल में शुरू हुई मेधावियों को लैपटॉप देने योजना को जारी रखने या बंद करने को लेकर प्रदेश सरकार साल 2018 अंत तक संशय में रही। फरवरी 2019 में सरकार ने स्कूलों के 8800 और कॉलेजों के 900 मेधावियों के लिए लैपटॉप खरीद करने का फैसला लिया था। इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन से लैपटॉप खरीद की प्रक्रिया शुरू करवाई गई।
कॉरपोरेशन के साथ विवाद होने के बाद निदेशालय ने वर्ष 2020 में स्वयं लैपटॉप खरीदने का फैसला लिया। वर्ष 2020 में तीन बार शिक्षा विभाग ने जैम पोर्टल के माध्यम से खरीद प्रक्रिया शुरू की, लेकिन किसी भी कंपनी ने इसमें दिलचस्पी नहीं ली। 31 मार्च 2021 को लैपटॉप खरीद का बजट लैप्स होने के बचाने के लिए शिक्षा विभाग ने खरीद के लिए दोबारा इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन से टेंडर करवाए।