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बिहार में भी लागू होगी हिमाचल प्रदेश की ई-विधान प्रणाली, इस तरह सालाना हो रही करोड़ों रुपये की बचत

Himachal Pradesh E Vidhan Sabha हिमाचल प्रदेश विधानसभा में स्थापित देश की पहली ई-विधान प्रणाली को बिहार विधानसभा में भी लागू किया जाएगा। बिहार विधानसभा की लोक उपक्रम समिति के सभापति हरि नारायण सिंह ने ई-विधान प्रणाली का जायजा लेने के बाद यह बात कही।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Tue, 24 May 2022 08:18 AM (IST)Updated: Tue, 24 May 2022 08:18 AM (IST)
बिहार में भी लागू होगी हिमाचल प्रदेश की ई-विधान प्रणाली, इस तरह सालाना हो रही करोड़ों रुपये की बचत
हिमाचल प्रदेश विधान सभा का शिमला स्थित परिसर।

शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal Pradesh E Vidhan Sabha, हिमाचल प्रदेश विधानसभा में स्थापित देश की पहली ई-विधान प्रणाली को बिहार विधानसभा में भी लागू किया जाएगा। यह बात बिहार विधानसभा की लोक उपक्रम समिति के सभापति हरि नारायण सिंह ने सोमवार को शिमला स्थित हिमाचल प्रदेश विधानसभा में ई-विधान प्रणाली का जायजा लेने के बाद कही। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली को शीध्र बिहार विधानसभा में स्थापित करने का प्रयास करेंगे, ताकि इसका लाभ उन्हें भी मिल सके।

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उनकी अध्यक्षता में बिहार विधानसभा की लोक उपक्रम समिति यहां पहुंची है। समिति के सदस्यों में संजय, डा. रामानुज प्रसाद व अनिरुद्ध प्रसाद यादव भी मौजूद रहे। समिति ने विधानसभा सचिवालय में विधानसभा संयुक्त सचिव बेग राम कश्यप,  निदेशक सूचना प्रौद्योगिकी संदीप शर्मा, लोक उपक्रम समिति की अवर सचिव एवं समिति अधिकारी संतोष कुमारी, धर्मपाल ठाकुर के साथ बैठक की व विधानसभा की कार्य प्रणाली तथा कार्य संचालन की जानकारी हासिल की। समिति ने सदन में स्थापित ई-विधान प्रणाली, ई- निर्वाचन प्रबंधन, ई-समिति तथा ई-डायरी जैसी आधुनिक तथा नवीनतम डिजिटल प्रणाली की जानकारी हासिल की। विधानसभा के सूचना प्रौद्योगिकी निदेशक संदीप कुमार ने समिति को ट्रेनिंग रूम में विस्तार से जानकारी भी दी। समिति ने इसके लिए हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार को बधाई दी तथा सदन के रख-रखाव  की भी प्रशंसा की।

क्या है ई-विधान प्रणाली

ई-विधान प्रणाली में पेपरलेस विधानसभा का संचालन किया जाता है। इसमें विधानसभा सत्र के दौरान पूछे जाने वाले सभी प्रश्न आनलाइन और उनके उत्तर भी आनलाइन दिए जाते हैं। बजट भी आनलाइन पेश किया जा रहा है। हिमाचल में इससे सालाना 15 करोड़ रुपये की बचत हो रही है। हिमाचल में ई-विधान प्रणाली की शुरुआत चार अगस्त, 2014 को की गई थी।


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