बागवानों को सीधे बैंक खाते में आएगी सब्सिडी, दफ्तर के चक्कर लगाने की नहीं पड़ेगी जरूरत
Himachal Horticulture Department बागवानी दवाओं की सब्सिडी के लिए इस साल बागवानी निदेशालय से लेकर अन्य दफ्तरों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है। अब बाजार से सीधे खरीदी दवाओं पर भी उपदान मिलेगा। बागवान सीधे मार्केट से दवाएं खरीद कर उस पर सब्सिडी पा सकते हैं।
शिमला, जागरण संवाददाता। बागवानी दवाओं की सब्सिडी के लिए इस साल बागवानी निदेशालय से लेकर अन्य दफ्तरों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है। अब बाजार से सीधे खरीदी दवाओं पर भी उपदान मिलेगा। बागवान सीधे मार्केट से दवाएं खरीद कर उस पर सब्सिडी पा सकते हैं। सब्सिडी की राशि किस आधार पर मिलेगी, यह विभाग तय करेगा। विभाग के मुताबिक कुल खरीद मूल्य का 50 फीसद तक उपदान दिया जा सकता है। केंद्र सरकार ने यह व्यवस्था की है। जिसे प्रदेश में लागू कर दिया गया है। शिमला जिला में सेब सीजन शुरू होने वाला है। बागवान इन दिनों सेब के लिए दवाएं और कीटनाशक खरीद रहे हैं। बागवानी विभाग के उप निदेशक (शिमला) देसराज शर्मा ने बताया कि सब्सिडी की इस नई योजना को लागू कर दिया गया है।
यहां करना होगा आवेदन
केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश में भी कीटनाशकों, फफूंदनाशकों और अन्य दवाओं के मामले में डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम (डीबीटी) से उपदान देने को कहा है। यह उपदान केवल उन्हीं दवाओं पर मिलेगा, जो राज्य बागवानी विभाग के स्प्रे शेड्यूल में हैं। दवाएं खरीदने के बाद बागवानों को अपने-अपने क्षेत्र के बागवानी विकास अधिकारियों और खंड कार्यालयों में आवेदन कर सकते हैं। इसके साथ ही दवाओं के खरीद बिल और उद्यान कार्ड पेश करने होंगे। फिर यह उपदान सीधे बागवानों के खातों में चला जाएगा।
सेब के कीट व माइट की रोकथाम के लिए केवल 8 बार करें स्प्रे
सेब के तुड़ान तक बागवान कुल सात बार स्प्रे करें। किट और माइट बीमारी की रोकथाम के लिए केवल 8 बार ही स्प्रे करें। इससे आपके पौधे मजबूत होंगे और रोगों से भी बचे रहेंगे। बागवानी विभाग ने सेब के बागीचों में होने वाली स्प्रे के लिए शैड्यूल जारी किया है। बागवानों को सलाह दी गई है कि तय शैड्यूल के अनुसार यदि स्प्रे करेंगे तो सेब के पौधो मेें उत्पन्न होने वाले रोगों से सेब की फसल को सुरक्षित रख सकते हैं। इस स्प्रे शेड्यूल को बागवानी विभाग नौणी यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ की सहायता से तैयार किया गया है। उप निदेशक बागवानाी देसराज शर्मा ने कहा कि स्प्रे शेड्यूल की जानकारी न होने से कई बार बागवान गलत दवाइयों को छिड़काव कर देते हैं। इसका पौधों पर गलत प्रभाव पड़ता है और पौधें में कई प्रकार की बीमारियां लग जाती हैं। ऐसे में इस स्प्रे शेड्यूल से बागवानों को काफी फायदा मिल सकता है।