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अप्रैल से पांच हजार हुनरमंदों का सामान अमेजन और फ्लिप कार्ट पर खरीद सकेंगे, ये उत्‍पाद मिलेंगे ऑनलाइन

Himachal Handcraft Product हिमाचल में हुनरमंदों की ओर से निर्मित होने वाले उत्पाद अमेजन व फ्लिपकार्ट पर खरीदे जा सकेंगे। ऐसे पांच हजार हथकरघा एवं हस्तशिल्पियों का पंजीकरण किया गया है जिनके उत्पाद ऑन लाइन बिकने से ऐसे कलाकारों को विक्रय की चिंता से छुटकारा मिलेगा।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sun, 14 Feb 2021 09:40 AM (IST)Updated: Sun, 14 Feb 2021 09:40 AM (IST)
अप्रैल से पांच हजार हुनरमंदों का सामान अमेजन और फ्लिप कार्ट पर खरीद सकेंगे, ये उत्‍पाद मिलेंगे ऑनलाइन
हिमाचल में हुनरमंदों की ओर से निर्मित होने वाले उत्पाद अमेजन व फ्लिपकार्ट पर खरीदे जा सकेंगे।

शिमला, जेएनएन। हिमाचल में हुनरमंदों की ओर से निर्मित होने वाले उत्पाद अमेजन व फ्लिपकार्ट पर खरीदे जा सकेंगे। ऐसे पांच हजार हथकरघा एवं हस्तशिल्पियों का पंजीकरण किया गया है, जिनके उत्पाद ऑन लाइन बिकने से ऐसे कलाकारों को विक्रय की चिंता से छुटकारा मिलेगा। सरकार और अमेजन और फ्लिप कार्ट कंपनियों के प्रबंधकों के बीच में करार संबंधी औपचारिकताएं अंतिम चरण में है। अतिरिक्त मुख्य सचिव राम सुभग सिंह इस मामले में व्यक्तिगत तौर पर रूचि ले रहे हैं ताकि ऐसे लोगों के लिए नियमित तौर पर आर्थिक सहारा बन सके। राज्य हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम की प्रबंध निदेशक कुमुद सिंह महिलाओं को आर्थिक तौर पर स्वावलंबित करना चाहती हैं।

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करार होने के बाद नए वित्त वर्ष में मुंह मांगे दाम पर शॉल, टोपी, कांगड़ा पेंटिंग, चंबा रूमाल, बांस आधारित वस्तुएं, धातु से बनी मूर्तियां, काष्ठ कलाकृतियों की बिक्री हो सकेगी। सरकार का हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम परंपरागत कला सहेजने वाले लोगों के साथ-साथ आधुनिक बाजार की जरूरतों को देखते हुए महिलाओं और पुरूषों को आर्थिक तौर पर मजबूत कर रहा है। ऑन लाइन बिक्री के साथ-साथ देश के विभिन्न महानगरों में भी हिमाचली उत्पाद प्रदर्शित किए जाएंगे और विक्रय के लिए रखे जाएंगे।

ये उत्पाद ऑन लाइन उपलब्ध होंगे

कांगड़ा पेंटिंग, चंबा रूमाल, बांस से बना सामान, धातु-काष्ठ कलाकृतियां बनाने वाले पांच हजार से अधिक लोग लाभान्वित होंगे। कांगड़ा पेंटिंग से धर्मशाला, चंबा रूमाल से चंबा, बांस आधारित वस्तुओं के लिए मंडी जिला का धर्मपुर व जिला कांगड़ा के चामुंडा का देहरा गोपीपुर में स्थापित केंद्र जुड़ेगा। काष्ठ कलाकृतियां कुल्लू जिला के रोपा में और सिरमौर जिला के पावंटा साहिब केंद्रों में बनती है। धातु कला के केंद्र चंबा और मंडी जिला के नालबग्गी में स्थापित हुए हैं।

हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम ने कदम उठाया

हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम ने केंद्र सरकार की आत्मनिर्भर भारत व प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए योजना शुरू की है। जिसके तहत मासिक साढ़े सात हजार रुपये मानदेय देकर महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। महिलाएं बुनाई-कढ़ाई के कार्य कर रही हैं। जबकि पुरूष धातु व काष्ठ कला कर रहे हैं।

औपचारिक करार बाकी

प्रबंध निदेशक राज्य हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम कुमुद सिंह का कहना है हम महिलाओं के कढ़ाई-बुनाई के हुनर को बाजार उपलब्ध करवा रहे हैं ताकि परिवार में कमाने वाला एक हाथ नहीं दो हाथ हो सके। इसके जरिये हिमाचली कला को भी उभारने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए हथकरघा एव हस्तशिल्प निगम से पंजीकृत उत्पादों को ऑन लाइन बिक्री के लिए अमेजन व फ्लिप कार्ट से औपचारिक करार करना बाकी रह गया है। निगम सभी तक के उत्पादों को देश के महानगरों में आयोजित होने वाली प्रर्दशनियों में लेकर जाएगा और विक्रय केंद्रों के माध्यम से बेचेगा भी।


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