कोरोना संक्रमित सरकाघाट के किडनी मरीज की अंत्येष्टि में कोताही पर सरकार ने बैठाई जांच
आइजीएमसी शिमला में पांच मई को कोरोना पॉजिटिव युवक की मौत के बाद उठे विवाद को लेकर प्रदेश सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
शिमला, जेएनएन। आइजीएमसी शिमला में पांच मई को कोरोना पॉजिटिव युवक की मौत के बाद उठे विवाद को लेकर प्रदेश सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं। सरकार ने मंडलीय आयुक्त को जांच रिपोर्ट सात दिन तक सौंपने के लिए कहा है। एसीएस (एडिशनल चीफ सेक्रेटरी) की ओर से निर्देश जारी हुए हैं। जांच में मरीज की मौत से लेकर डेड बॉडी हैंडलिंग, अंतिम संस्कार में मौजूद जिला प्रशासन के अधिकारियों, नगर निगम शिमला, आइजीएमसी प्रशासन सहित सभी पहलुओं पर गहनता से जांच होगी।
सरकाघाट से लाए गए कोरोना पॉजिटिव व गंभीर किडनी रोग से ग्रसित मरीज की मौत के बाद आइजीएमसी सहित जिला प्रशासन और नगर निगम के अधिकारी विवादों में रहे हैं। मौत के बाद शव का अंतिम संस्कार आधी रात को करवाया गया। कनलोग में जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम शहरी व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी मौजूद रहे। देर रात हुए दाह संस्कार के बाद जिला प्रशासन और नगर निगम का ड्यूटी निभाने को लेकर आमना-सामना हुआ।
दोनों ने एक दूसरे पर दोषारोपण करना शुरू कर दिया। साथ ही जिला प्रशासन की ओर से मामले से संबंधित रिपोर्ट सरकार को भेजी गई। वहीं, आइजीएमसी की ओर से शव लेकर आए सुरक्षाकर्मियों व सफाई कर्मियों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठे।
उमंग फाउंडेशन ने जिला प्रशासन पर लगाए थे आरोप
गैर सरकारी संस्था उमंग फाउंडेशन ने जिला प्रशासन की ओर से दाहसंस्कार में कोताही बरतने के आरोप लगाए हैं। संस्था का कहना है अंतिम संस्कार हिंदू रीति के अनुसार नहीं हुआ। शव को सम्मान नहीं दिया गया और डीजल से शव में आग लगाकर खाक किया गया। वहीं सोशल मीडिया पर ऐसे आरोप चलते रहे।