बीपीएल लोगों का राशन हड़पने वाले फर्जी गरीब अधिकारियों से लाखों रुपये की रिकवरी, पढ़ें पूरा मामला
Fake Poor Officers गरीबी रेखा से नीचे के लोगों का राशन हड़पने वाले प्रदेश के 125 अधिकारियों डाॅक्टरों शिक्षकों से 26 लाख की रिकवरी की गई है।जांच के आधार पर 125 अधिकारियों ने गरीब नहीं होते हुए गरीबों को मिलने वाला राशन लिया था।
शिमला, जेएनएन। गरीबी रेखा से नीचे के लोगों का राशन हड़पने वाले प्रदेश के 125 अधिकारियों, डाॅक्टरों, शिक्षकों से 26 लाख की रिकवरी की गई है। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की ओर से की गई जांच के आधार पर 125 अधिकारियों ने गरीब नहीं होते हुए गरीबों को मिलने वाला राशन लिया था, जबकि बीस अधिकारियों ने गरीबों को मिलने वाला राशन नहीं लिया। पांच ऐसे ही अधिकारियों की जांच चल रही है, जिन्होंने बीपीएल और गरीबों के लिए बनने वाले कार्ड बनाकर कितना राशन लिया।
गरीबों को सस्ता राशन मिले और परिवार भूखा न मरे इसके लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत तीन रुपये किलो के हिसाब से चावल और 3.20 रुपये प्रति किलो के हिसाब से दो किलो आठ सौ ग्राम प्रति सदस्य प्रदान किया जा रहा है। शिक्षक, डाक्टर प्रोफेसर और उच्च अधिकारी होते हुए 150 ने गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों के कार्ड बनाए हुए थे और उनके हक का राशन ले रहे थे। अब इनसे पूरी रिकवरी की गई है।
छह माह से मिल रहा मुफ्त तीन किलो आटा और एक किलो चने
गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों को कोरोना के दौरान अतिरिक्त राशन प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार तीन किलो गेहूं और एक किलो काला चना मुफ्त प्रदान कर रही है। इन फर्जी गरीब अधिकारियों ने मुफ्त मिलने वाला राशन भी लिया था।
फर्जीवाड़ा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा : मंत्री
खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजिंद्र गर्ग का कहना है फर्जी गरीब बन राशन लेने वालों से रिकवरी की गई है। ऐसा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।