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हिमाचल में कंटेनमेंट जोन के 300 स्कूल रहेंगे बंद, परामर्श के लिए भी नहीं आएंगे छात्र, गाइडलाइन जारी

Himachal Schools कोरोना महामारी के खतरे के बीच सोमवार से प्रदेश में स्कूल खुल जाएंगे। 50 फीसद शिक्षक और गैर शिक्षक स्कूल आएंगे।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 03:36 PM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 03:36 PM (IST)
हिमाचल में कंटेनमेंट जोन के 300 स्कूल रहेंगे बंद, परामर्श के लिए भी नहीं आएंगे छात्र, गाइडलाइन जारी

शिमला, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी के खतरे के बीच सोमवार से प्रदेश में स्कूल खुल जाएंगे। 50 फीसद शिक्षक और गैर शिक्षक स्कूल आएंगे। राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद शनिवार को सचिव शिक्षा की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। प्रदेश के कंटेनमेंट जोन के दायरे में आने वाले 300 स्कूल बंद ही रहेंगे। इन स्कूलों में न तो शिक्षक आएंगे, न ही छात्र परामर्श के लिए आएंगे। जिला प्रशासन जब इन स्कूलों को ग्रीन जोन बनाएगा तभी इन स्कूलों में शिक्षकों को बुलाया जाएगा और छात्रों को भी परामर्श के लिए आने की अनुमति दी जाएगी।

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किस दिन किस शिक्षक और गैर शिक्षक को स्कूल बुलाया जाएगा। इसका बाकायदा ड्यूटी रोस्टर बनेगा। स्कूल प्रधानाचार्य यह ड्यूटी रोस्टर बनाएंगे। छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई की मॉनीटरिंग अब स्कूलों से ही होगी। शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं, छात्रों की ऑन लाइन काउंसिलिंग करें। समय समय पर बच्चों और उनके अभिभावकों के साथ बात करें।

ये दिए स्कूलों को निर्देश

  • 9वीं से 12वीं कक्षा तक के बच्चे परामर्श के लिए स्कूल आएंगे। हर बच्चे और शिक्षक की थर्मल स्कैङ्क्षनग और ऑक्सीजन लेवल चैक किया जाएगा।
  • गेट पर हैंड सैनेटाइजर होगा। थर्मल स्कैङ्क्षनग भी यहीं पर की जाएगी।
  • यदि किसी छात्र में सर्दी जुकाम के लक्षण है तो वह घर पर ही रहेंगे।
  • क्लास रूम के बजाए शिक्षक कैंपस में ही बच्चों के साथ संवाद करेंगे।
  • शारीरिक दूरी के नियम की पालना करने के लिए छात्र और शिक्षक के बीच 6 फीट की दूरी होना अनिवार्य किया गया है।
  • प्रार्थना सभा, खेल कूद प्रतियोगिता नहीं होगी।
  • कैंपस में कहीं भी थूकना पूरी तरह वर्जित होगा।
  • छात्र, शिक्षक, गैर शिक्षक सभी मास्क पहन कर स्कूल आएंगे।
  • स्कूल में हैंड सैनेटाइजर, साबून रखना अनिवार्य होगा।
  • स्कूल में हाजरी रजिस्टर पर ही लगाई जाएगी।
  • शनिवार और रविवार को स्कूलों को सैनेटाइज किया जाएगा।
  • शिक्षक किसी भी छात्र पर जबरन स्कूल आने का दबाव नहीं बना पाएंगे।
  • स्कूलों में आने के इच्छुक विद्यार्थियों को अलग-अलग समय दिया जाएगा।

एसओपी की पालना करने के दिए निर्देश : सचिव

सचिव शिक्षा राजीव शर्मा का कहना है 21 सितंबर से स्कूलों में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्र परामर्श के लिए आ सकेंगे। इसके लिए उन्हें अभिभावकों की मंजूरी लेनी होगी। शिक्षक और गैर शिक्षक भी 50-50 फीसद के हिसाब से आएंगे। स्कूल प्रधानाचार्य इसका रोस्टर तैयार करेंगे। स्कूल प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए गए हैं कि वह एसओपी की पालना करे।


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