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हिमाचल में बढ़ा हुआ बस किराया लागू, कल से सभी रूटों पर चलेंगी निजी बसें; जानिए कितनी ढीली होगी जेब

Bus Fare Notification हिमाचल प्रदेश में बढ़ा हुआ किराया लागू हो गया है। मंत्रिमंडल बैठक में 20 जुलाई को 25 फीसद किराया बढ़ाने का फैसला हुआ था।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 03:57 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 03:57 PM (IST)
हिमाचल में बढ़ा हुआ बस किराया लागू, कल से सभी रूटों पर चलेंगी निजी बसें; जानिए कितनी ढीली होगी जेब
हिमाचल में बढ़ा हुआ बस किराया लागू, कल से सभी रूटों पर चलेंगी निजी बसें; जानिए कितनी ढीली होगी जेब

शिमला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश में बढ़ा हुआ किराया लागू हो गया है। मंत्रिमंडल बैठक में 20 जुलाई को 25 फीसद किराया बढ़ाने का फैसला हुआ था। अब सरकार ने इसे लागू कर दिया है। इस संबंध में प्रधान सचिव परिवहन केके पंत ने अधिसूचना जारी की है। इस अधिसूचना में राज्य परिवहन प्राधिकरण और क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरणों को इसकी कड़ाई से पालना करने के निर्देश दिए गए हैं। फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू करने को कहा गया है। अब बसों में सफर करना महंगा हो जाएगा। लोगों की जेब पर पहले से अधिक बोझ पड़ेगा।

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न्‍यूनतम किराया सात रुपये हो गया है। यह तीन किलोमीटर तक की दूरी के लिए होगा। न्यूनतम किराया तीन किलोमीटर तक पांच से सात रुपये हो जाएगा। इसमें दो रुपये की वृद्धि की है। इसके अलावा सामान्य किराया पहाड़ी क्षेत्रों में प्रतिकिलोमीटर किराया एक रुपये 75 पैसे से बढ़कर 2 रुपये 19 पैसे हो गया है। मैदानी इलाकों में 1 रुपये 14 पैसे से बढ़कर एक रुपये 40 पैसे हुआ है।

साधारण बस किराया- मिनी बसों सहित

  • मैदानी क्षेत्रों में एक रुपये 40 पैसे प्रतिकिलोमीटर
  • पहाड़ी क्षेत्रों में 2 रुपये 19 पैसे प्रतिकिलोमीटर

    डीलक्स बस सेवाएं

  • मैदानी क्षेत्रों में 1 रुपये 71 पैसे प्रतिकिलोमीटर
  • पहाड़ी क्षेत्रों में 2 रुपये 71 पैसे

    एसी, वॉल्वो बस सेवाएं

  • मैदानी क्षेत्र में 3 रुपये 42 पैसे प्रतिकिलोमीटर
  • पहाड़ी क्षेत्रों में 4 रुपये 52 पैसे

किसके दबाव में हुआ फैसला

किराया बढ़ाने के लिए निजी बस ऑपरेटरों ने सरकार पर लगातार दबाव बनाया। पहले ऑक्यूपेंसी 60 फीसद थी। इसे सौ फीसद किया, तब भी किराये की मांग जारी रखी। निजी बस ऑपरेटर संघ ने सरकार को रोजाना घेरने का काम किया। घाटे का हवाला देकर मंत्री पर दबाव बनाते रहे। हालांकि एक धड़ा सरकार समर्थक भी रहा।

चौरतरफा घिरी सरकार

उधर, प्रदेश में कई संगठनों, विपक्षी दलों ने किराये बढ़ाने के फैसले का विरोध किया। सरकार के फैसले का चौतरफा विरोध हुआ। लेकिन सरकार ने अपना फैसला वापस करने के कोई संकेत नहीं दिए। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा किराया बढ़ाने का फैसला भारी मन से लिया गया है। लेकिन यह आज की जरूरत थी।

पहले कब बढ़ा किराया

मौजूदा सरकार सितंबर 2018 किराये में बढ़ोतरी कर चुकी है। परिवहन विभाग ने 29 सितंबर से बढ़े हुए बस किराये को लागू करने की अधिसूचना जारी की थी। तब तर्क दिया था कि अरसे से किराया नहीं बढ़ा था। निजी बस ऑपरेटरों ने हड़ताल की थी। हड़ताल के दूसरे ही दिन सरकार झुक गई थी और किराये में 20 से 25 फीसद तक बढ़ोत्तरी का इजाफा किया गया था।

किराया बढ़ाने के फैसले को लागू करने के लिए संघ मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री, प्रधान सचिव, निदेशक परिवहन समेत संबंधित अधिकारियों का आभार व्यक्त करता है। घाटे में चल रहे बस ऑपरेटर अब सड़कों पर बसें चला पाएंगे। कल से सारी बसें चलेंगी। -रमेश कमल, प्रदेश महासचिव, निजी बस ऑपरेटर संघ


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