Move to Jagran APP

नई पॉलिसी के तहत निपटाए जाएंगे वैट के पुराने मामले, हिमाचल सरकार के खजाने में आएंगे 700 करोड़

Himachal Govt Policy for VAT केंद्र सरकार की सबका विश्वास स्कीम की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश सरकार ने नई स्कीम तैयार की है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 09:49 AM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 05:07 PM (IST)
नई पॉलिसी के तहत निपटाए जाएंगे वैट के पुराने मामले, हिमाचल सरकार के खजाने में आएंगे 700 करोड़

शिमला, जेएनएन। केंद्र सरकार की सबका विश्वास स्कीम की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश सरकार ने नई स्कीम तैयार की है। इसके तहत आबकारी एवं कराधान विभाग मूल्य वर्धित कर यानी वैट के पुराने लंबित तीन लाख मामलों का निपटारा करेगा। यह वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी की तरह ही होगा। सोमवार को मंत्रिमंडल की बैठक में स्कीम और इससे जुड़े नियमों को स्वीकृति दी गई है। इससे उद्योगपतियों और कारोबारियों को बड़ी राहत मिलेगी।

loksabha election banner

राज्य सरकार के खजाने में करीब 700 करोड़ रुपये आएंगे। वैट चुकाने वालों को जुर्माना पूरी तरह से माफ होगा। ये केस वर्ष 2007 से 2017 तक के हैं। जुलाई 2017 से देश भर में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू हो गया था। अभी तक गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, तमिलनाडु में ही ऐसी स्कीम लागू की गई है। अब हिमाचल छठा ऐसा राज्य होगा, जहां वैट के पुराने मामले नई पॉलिसी के तहत निपटाएं जाएंगे।

इससे राज्य के उन औद्योगिक क्षेत्रों को उद्योगपतियों को भी बड़ा लाभ होगा, जो अपना तैयार उत्पाद बाहर के राज्यों में बेचते थे लेकिन किसी कारणों से लीगल फॉर्म नहीं भर पाए थे। अब उन्हें सभी तरह के करों में भी छूट का प्रावधान होगा अन्यथा उन्हें जुर्माने सहित इसे अदा करना होगा। मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश (लिगेसी केसिज रिज्योल्यूशन) स्कीम रूल्ज, 2020 को भी स्वीकृति प्रदान की। इससे लंबित वैट मामलों और बकाया वैट एरियर का समाधान करने में मदद मिलेगी।

लंबित मामलों में तीन लाख केसों में नोटिस जारी हुए थे लेकिन अनुमानित वैट वसूल नहीं हो पाया। आबकारी एवं कराधान विभाग ने सरकार के निर्देश पर स्कीम तैयार की। इसके लिए कई राज्यों कर व्यवस्थाओं को समझा। केंद्रीय प्रावधानों का भी पूरा अध्ययन किया गया। कारोबारियों को तीन लाख केसों में नोटिस जारी हुए थे लेकिन इनकी टर्नओवर का आकलन नहीं हो पाया था। इससे लंबित मामलों की तादाद बढ़ती चली गई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.