हिमाचल प्रदेश में गलत तरीके से बांटे बस रूट रद करेगी सरकार
निजी बसों के रूटों के बदलावों में अब बंटरबांट नहीं चलेगी। परिवहन विभाग गलत तरीके से बांटे गए रूटों को रद कर सकता है।
शिमला, जेएनएन। निजी बसों के रूटों के बदलावों में अब बंटरबांट नहीं चलेगी। परिवहन विभाग गलत तरीके से बांटे गए रूटों को रद कर सकता है। कई साल से रूट आवंटन की नए सिरे से समीक्षा होगी। जिन मामलों में भी नियमों की अवहेलना हुई होगी, उनमें बदलाव को स्वीकार नहीं किया जाएगा। दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद से महकमे के अधिकारियों में हड़कंप मचा है।
वहीं, निजी बस ऑपरेटर यूनियन परिवहन निदेशक के पक्ष में कूद गई है, लेकिन पदाधिकारियों ने शिमला के आरटीओ की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। आरोप लगाया कि आरटीओ ने निदेशक को गलत सूचनाएं दी। उन्होंने ऑपरेटरों का पक्ष भी सही तरीके से नहीं रखा। हालांकि आरटीओ का दावा है कि रूट परमिटों के बदलाव में नियमों की कोई अनदेखी नहीं हुई है। अब देखना ये होगा कि विभाग 12 सितंबर को हाईकोर्ट में क्या पक्ष रखता है। कुछ ऑपरेटरों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इनमें परमिट देने में गैर कानूनी तरीके अपनाने के आरोप लगाए गए हैं। इसमें कहा गया है कि बदलाव के नाम पर कई साल से चहेतों को लाभ पहुंचाया गया है। आवंटन में बंदरबांट हुई है।
निजी बस ऑपरेटर यूनियन ने किया परिवहन निदेशक का बचाव
निजी बस ऑपरेटर यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष राजेश पराशर और महासचिव रमेश कमल ने कहा है कि गैरकानूनी तरीके से दिए गए रूट परमिट को लेकर परिवहन निदेशक पर आरोप लगाना सही नहीं है। ऐसा मानवीय चूक के कारण भी हो सकता है। इसमें बस ऑपरेटरों की भी उतनी ही गलती मानी जाएगी, जितनी परिवहन विभाग की। निजी बस ऑपरेटर को भी कानून का ज्ञान अवश्य होना चाहिए। अगर परिवहन विभाग ने कानून से हटकर कोई काम किया है तो निजी बस ऑपरेटर का भी तो कोई फर्ज बनता है। दोनों पदाधिकारियों ने आरटीओ की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं।
नियमों की व्याख्या गलत की गई है। रूटों में पहले गलत तरीके से जो भी बदलाव किए गए, उन सब मामलों को रिव्यू किया जाएगा। विभाग निकट भविष्य में कायदे-कानून का सही तरीके से पालन सुनिश्चित बनाएगा। -जेएम पठानिया, निदेशक परिवहन।