Move to Jagran APP

निजीकरण के विरोध में राज्‍य बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन आज प्रदेशभर में करेगी प्रदर्शन

Himachal Electricity Board Employees Union राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन मंगलवार को प्रदेशभर में मंडल वृत्त विंग व मुख्यालय स्तर पर निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन करेगी। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार बिजली कंपनियों के निजीकरण पर अडिग है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Tue, 10 Aug 2021 08:54 AM (IST)Updated: Tue, 10 Aug 2021 08:54 AM (IST)
राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन प्रदेशभर में मंडल, वृत्त, विंग व मुख्यालय स्तर पर निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन करेगी।

शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal Electricity Board Employees Union, राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन मंगलवार को प्रदेशभर में मंडल, वृत्त, विंग व मुख्यालय स्तर पर निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन करेगी। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार बिजली कंपनियों के निजीकरण पर अडिग है। संसद के मानसून सत्र में निजीकरण के बारे में बिजली संशोधन बिल 2021 का ड्राफ्ट लाया जा रहा है। विद्युत वितरण के लिए मौजूदा लाइसेंसिंग प्रणाली को समाप्त करने का प्रविधान रखा गया है। यहां जारी बयान में उन्होंने कहा कि विद्युत वितरण के लिए लाइसेंस समाप्त करने का अर्थ होगा कि निजीकरण की आंधी में विद्युत वितरण का कार्य मनमाने ढंग से कारपोरेट घरानों और ठेकेदारों को दिया जाएगा।

loksabha election banner

विद्युत वितरण जैसे अति संवेदनशील और  तकनीक से अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य को निजी घरानों और ठेकेदारों को इस तरह से सौंपा जाना न ही विद्युत उद्योग के हित में है, न ही उपभोक्ता के हित में और न ही कर्मचारियों के हित में है। राज्य इंजीनियर एसोसिएशन के महासचिव तुनज गुप्ता ने कहा कि आंदोलन में इंजीनियर भी साथ रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस दौरान ऊर्जा मंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे।

सेल्फ फाइनांस इंप्लाइज यूनियन ने मांगा उचित वेतन

शिमला। हिमाचल प्रदेश राजकीय महाविद्यालय सेल्फ फाइनांस इंप्लाइज यूनियन ने मांगों के समर्थन में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यूनियन ने कहा कि तीन साल में कर्मचारियों के वेतन में 20 लाख रुपये से अधिक धनराशि की कटौती की जा चुकी है। बजट होने के बावजूद अस्थायी कर्मचारी नियुक्त हैं। इन्हें 150 और 350 रुपये प्रति लेक्चर के हिसाब से वेतन की अदायगी की जाती है। हालांकि कुछ में 12 से 25 हजार रुपये भी मानदेय दिया जा रहा है। यहां जारी बयान में यूनियन के अध्यक्ष पंकज महाजन ने कहा कि प्रदेश में 25 साल से सेल्फ फाइनांस कोर्स चल रहे हैं। मौजूदा समय में 39 कालेजों में बीबीए, बीसीए, बीएड, पीजीडीसीए, बायोटेक, एमबीए, एमसीए, टूर एंड ट्रेवल और कुछ अन्य सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स सेल्फ फाइनांस सोसायटी के तहत चलाए जा रहे हैं। इन पाठ्यक्रमों में 471 कर्मचारी कार्यरत हैं। 6952 छात्र-छात्राएं तकनीकी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। सेल्फ फाइनांस पाठ्यक्रमों में अब तक करीब दो करोड़ आठ लाख रुपये विभिन्न बैंक खातों में एकत्र हैं। इसमें 18 करोड़ से अधिक की  एफडी भी शामिल है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.