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Dharamshala: धर्मशाला में टिकट आवंटन बना दोनों प्रमुख दलों के लिए मुसीबत, यह फार्मूला बनेगा जीत का आधार

Dharamshala Constituency Tickets वीवीआइपी मूवमेंट वाले विधानसभा क्षेत्र धर्मशाला में जीत व हार का ऊंट किस करवट बैठेगा यह दोनों राष्ट्रीय दलों के शीर्ष नेतृत्व पर निर्भर है। भाजपा व कांग्रेस किसे अपना प्रत्याशी बनाते हैं। धर्मशाला में सही टिकट आवंटन ही जीत का आधार बनेगा।

By Jagran NewsEdited By: Rajesh Kumar SharmaPublished: Tue, 04 Oct 2022 06:21 AM (IST)Updated: Tue, 04 Oct 2022 07:38 AM (IST)
धर्मशाला में सही टिकट आवंटन ही जीत का आधार बनेगा।

धर्मशाला, नीरज व्यास। Dharamshala Constituency Tickets, वीवीआइपी मूवमेंट वाले विधानसभा क्षेत्र धर्मशाला में जीत व हार का ऊंट किस करवट बैठेगा, यह दोनों राष्ट्रीय दलों के शीर्ष नेतृत्व पर निर्भर है। भाजपा व कांग्रेस किसे अपना प्रत्याशी बनाते हैं। धर्मशाला में सही टिकट आवंटन ही जीत का आधार बनेगा। धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र में एक बार भाजपा तो एक बार कांग्रेस के प्रत्याशी सत्ता पर बैठते रहे हैं। भाजपा की तरफ से गद्दी नेता किशन कपूर लंबे अरसे से यहां से विधायक व मंत्री बनते रहे हैं। वहीं कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस की तरफ से राजपूत वर्ग से संबंधित चंद्रेश कुमारी विधायक व मंत्री रह चुकी हैं। ब्राह्मण समुदाय से संबंधित सुधीर शर्मा भी धर्मशाला से चुनाव जीतकर यहां से मंत्री पद पर रह चुके हैं। वर्तमान में गद्दी समुदाय से संबंधित विशाल नैहरिया उपचुनाव जीतकर विधायक हैं।

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कांग्रेस के लिए टिकट आवंटन बना है चुनौती

वर्तमान स्थिति यह है कि कांग्रेस का धर्मशाला में टिकट आवंटन करना चुनौती बना हुआ है और संगठन की आपसी गुटबाजी उभरकर न केवल सामने आई है बल्कि पार्टी हाईकमान व सोनिया गांधी तक स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक तक पहुंची है। कांग्रेस से सुधीर शर्मा टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। लेकिन उन पर संगठन के अन्य पदाधिकारियों का आरोप है कि लोकसभा के चुनाव में सुधीर शर्मा नहीं उतरे और उप चुनाव में भी किनारा कर लिया। लोकसभा के चुनाव में कांगड़ा चंबा संसदीय क्षेत्र से कांगड़ा के विधायक पवन काजल को कांग्रेस ने उतारा, उसी तरह से उपचुनाव में विजयइंद्र करण को पार्टी ने मैदान में उतारा और दोनों ही चुनाव में कांग्रेस पार्टी को बैकफुट पर जाना पड़ा। ऐसे में इसका सारा ठीकरा सुधीर शर्मा पर फोड़ा जा रहा है, जबकि पूर्व में मेयर रहे देवेंद्र जग्गी, ओबीसी नेता व पूर्व जिला परिषद सदस्य हरभजन भज्जी भी धर्मशाला से कांग्रेस से टिकट मांग रहे हैं। इस बीच पूर्व मंत्री चंद्रेश कुमारी ने भी अपनी बहु के लिए धर्मशाला से टिकट की पैरवी कर दी है। ऐसे में धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र के लिए प्रत्याशी का चयन करना पार्टी हाईकमान के लिए भी चुनौती बना हुआ है।

धर्मशाला में भाजपा के लिए भी टिकट आवंटन चुनौती

भाजपा का धर्मशाला में टिकट आवंटन करना चुनौती भरा बना हुआ है। भाजपा से वर्तमान विधायक विशाल नैहरिया टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। लेकिन एसटी मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष विपिन नैहरिया भी टिकट के लिए अपना शक्ति प्रदर्शन कर चुके हैं। आम आदमी पार्टी को छोड़कर आए राकेश चौधरी भी टिकट के लिए आगे आए हैं। यही नहीं राकेश शर्मा, सचिन शर्मा, संजय शर्मा सहित अन्य नेता भी टिकट की चाह रखते हैं। ऐसे में पार्टी हाईकमान के लिए सब में तालमेल बैठाना चुनौती है।

आप में धर्मशाला टिकट के लिए कई दावेदार

आम आदमी पार्टी में भी एक टिकट के लिए कई दावेदार हैं। आम आदमी पार्टी में भी पूर्व निदेशक रीजनल सेंटर कुलवंत राणा, मनोहर धीमान, मदन कुमार, संजीव शर्मा आदि टिकट के लिए पैरवी कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी ने अपना प्रचार प्रसार तेज कर दिया है।


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