Jobs in Education Department: हिमाचल शिक्षा विभाग में एक हजार पद भरने का मामला लटका, पढ़ें खबर
Jobs in Education Department शिक्षा विभाग में रिक्त पदों को भरने के मामले को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है। शिक्षा विभाग ने इन पदों को भरने की मंजूरी वित्त विभाग से मांगी है। वित्त विभाग के पास इसकी फाइल पिछले काफी समय से लटकी हुई है।
शिमला, जागरण संवाददाता। Jobs in Education Department, शिक्षा विभाग में रिक्त पदों को भरने के मामले को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है। शिक्षा विभाग ने इन पदों को भरने की मंजूरी वित्त विभाग से मांगी है। वित्त विभाग के पास इसकी फाइल पिछले काफी समय से लटकी हुई है। अब शिक्षक संगठनों ने मुख्यमंत्री से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग उठाई है। सीएंडवी अध्यापक संघ के अध्यक्ष चमन लाल शर्मा ने कहा मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में चार हजार पदों को भरने की घोषणा की थी। इसमें 1000 पद कला अध्यापक और शारीरिक शिक्षकों के भी हैं। शिक्षा सचिव के कार्यालय से 1000 पदों की फाइल वित्त विभाग को स्वीकृति के लिए एक माह से भी ज्यादा समय हो गया। लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है।
पहले तो वित्त विभाग आरटीई का हवाला दे कर फाइल को अस्वीकृत करता रहा लेकिन अब तो 1000 पद बजट सत्र में सरकार ने स्वीकृत किए हैं। अब वित्त विभाग से इस फाइल के वापस न आना समझ से परे हैै। यह विभाग मुख्यमंत्री के पास है। कोराना काल में सैकडों स्कूलो में रिक्त पद होने के कारण आनलाइन पढ़ाई से बच्चे वंचित रह रहे हैं। 2017 के बाद एक भी पद कला व शारीरिक शिक्षकों का आज तक नहीं भरा गया है। सीएंडवी अध्यापक संघ ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि 22 जुलाई को होने वाली कैबिनेट की बैठक में 1000 पदों को स्वीकृति प्रदान करें।
विस सत्र के चलते शिक्षा विभाग के अफसरों की छुट्टियों पर रोक
शिमला। विधानसभा सत्र के दौरान शिक्षा विभाग ने अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने मंगलवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। विधानसभा सत्र के दौरान शिक्षा विभाग से संबंधित पूछे जाने वाले सवालों के जवाब पहले से तैयार करने को कहा गया है। जो अधिकारी इन सवालों के जवाबों को तैयार करेगा, उन्हें अवकाश के दिन भी ड्यूटी पर बुलाया जा सकता है। सुबह आठ से रात आठ बजे तक अधिकारियों को दफ्तर में मौजूद रहना होगा। विभाग की हर शाखा में कम से कम एक अधिकारी इस दौरान रोजाना सुबह साढ़े आठ बजे दफ्तर में होना चाहिए। रात को आठ बजे तक अफसरों को दफ्तर में मौजूद रहने होगा।