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Sheila Dikshit: हिमाचल कांग्रेस नेता बोले, नहीं भूलती शीला दीक्षित की शालीनता

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की कद्दावर नेता शीला दीक्षित को उनके देहावसान पर हिमाचल कांग्रेस के नेताओं ने भी भावपूर्ण तरीके से याद किया है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sun, 21 Jul 2019 12:06 PM (IST)Updated: Sun, 21 Jul 2019 12:06 PM (IST)
Sheila Dikshit: हिमाचल कांग्रेस नेता बोले, नहीं भूलती शीला दीक्षित की शालीनता

धर्मशाला, जेएनएन। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की कद्दावर नेता शीला दीक्षित को उनके देहावसान पर हिमाचल कांग्रेस के नेताओं ने भी भावपूर्ण तरीके से याद किया है। कुछ नेताओं के पास उनकी विनम्रता और अपनत्व के किस्से हैं। ऐसी ही स्मृतियां कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर के पास भी हैं। कुलदीप याद करते हैं, 'शिमला के रिट्ज में एक कार्यक्रम हुआ। विद्या स्टोक्स प्रदेशाध्यक्ष थीं और मैं सचिव। मंच संचालन मैंने किया। कार्यक्रम के बाद मुझे उन्होंने खास तौर पर बुलाया, बड़ी खूबसूरत अंग्रेजी में कहा, कुलदीप। तुमने संचालन बहुत अच्छा किया। इतने वर्षों बाद यह संयोग भी आया कि दस जनवरी, 2019 को दो प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किए गए। दिल्ली में शीला दीक्षित और हिमाचल प्रदेश में कुलदीप सिंह राठौर। राठौर याद करते हैं कि उन्होंने तब भी पीठ थपथपाई थी। और हैरानी इस बात की थी, वर्षों पहले का शिमला का मंच संचालन उन्हें याद था।

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पूर्व शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा याद करते हैं, 'जब मैं बैजनाथ से धर्मशाला आ रहा था चुनाव लडऩे के लिए तो एक बार यह स्थिति आई कि मुझे ज्वालामुखी भेजा जाए और मनोज कुमार को धर्मशाला से उतारा जाए। मैंने कह दिया कि मैं चुनाव नहीं लडूंगा पर संजय रत्न को ज्वालामुखी से ही लड़ाएं। उसी रात मुझे शीला दीक्षित का फोन आया कि देखो बेटा, तुम्हें धर्मशाला से ही टिकट दे रहे हैं लेकिन पार्टी के खिलाफ कुछ न कहना। संजय को भी कहना कि पार्टी के खिलाफ कुछ न कहें। कुछ अच्छा जरूर होगा वरना मुश्किल होती है।

सुधीर के पास एक और किस्सा है जब शीला के आवास पर एक बैठक हुई। वीरभद्र सिंह प्रदेशाध्यक्ष थे और सुधीर संगठन सचिव। बैठक में संगठन सचिव अंदर नहीं जाते। बकौल सुधीर, 'मैं एक कमरे में बैठा रहा। दोपहर को शीला जी स्वयं आईं और पीठ पर हाथ मारते हुए कहा, चलो बेटा, अब हमारे साथ खाना खाओ। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि 2012 के विधानसभा चुनाव के लिए जब वह हिमाचल प्रदेश में स्क्रीनिंग कमेटी में थी तो उन्होंने कई युवाओं को अवसर दिया।


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