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रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएगी हर्बल चाय, कृषि विश्‍वविद्यालय पालमपुर ने बाजार में उतारा उत्‍पाद; जानिए

Herbal Tea चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर ने हर्बल कांगड़ा चाय बाजार में उतारी है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 08:49 AM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 08:49 AM (IST)
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएगी हर्बल चाय, कृषि विश्‍वविद्यालय पालमपुर ने बाजार में उतारा उत्‍पाद; जानिए

पालमपुर, शारदाआनंद गौतम। चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर ने हर्बल कांगड़ा चाय बाजार में उतारी है। वीरवार को संस्थान के मुखिया यानी कुलपति डॉक्टर अशोक कुमार सरियाल ने शिमला में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को हर्बल चाय भेंट की व इसके गुणों की जानकारी दी। विश्वविद्यालय ने हर्बल चाय को कोरोना से लडऩे के लिए व रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए बाजार में उतारा है। कांगड़ा चाय एंटी ऑक्सीडेंट होती है। इस कारण यह बैक्टीरिया और वायरल रोगों के खिलाफ प्रतिरक्षा बढ़ाने में वैज्ञानिक रूप से कारगर सिद्ध हुई है।

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टी बैग्स के रूप में है उपलब्ध

कृषि विवि हर्बल चाय को टी बैग्स के रूप में सामने लाया है। इसे चार प्रकार से पैक किया है। इसमें तुलसी के साथ हरी चाय, नींबू शहद के साथ हरी चाय, पुदीना, तुलसी और गुलाब के साथ रूढि़वादी चाय व गुलाब के साथ रूढि़वादी काली चाय शामिल है। विश्वविद्यालय और प्रौद्योगिकी विभाग में करीब 44 हेक्टेयर चाय बागान हैं। इतना ही नहीं एक चाय प्रसंस्करण इकाई भी काम कर रही है और यहां ब्लैक और ग्रीन चाय को तैयार किया जाता है। यहां प्रति वर्ष 40,000 किलोग्राम तक चाय तैयार की जाती है।

एक पैकेट की कीमत है 225 रुपये

हर्बल चाय के पैकेट में 25 टी बैग्स हैं और इसकी कीमत 225 रुपये है। चाय को धौलाधार हिम पालम के नाम से लांच किया है। हर्बल चाय बिक्री काउंटर में जल्द उपलब्ध करवाई जाएगी। यह चाय रसायनों से मुक्त है। -डॉक्टर जयदेव शर्मा, विभागाध्यक्ष, चाय प्रौद्योगिकी विभाग, कृषि विवि पालमपुर।

एंटी ऑक्सीडेंट है चाय

कांगड़ा चाय एंटी ऑक्सीडेंट है। पालमपुर मेंं हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान ने व्यापक शोध के बाद वेल्यू एड कर इससे टी वाइन, टी कैप्सूल और टी कोला भी तैयार किया है। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने में चाय के पौधों में मौजूद तत्व महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रारंभिक शोध में यह सामने आया है।

1852 में पालमपुर में हैली नगर टी एस्टेट में लगाए थे चाय के पौधे

देश में चाय को लाने का कार्य 1834 में लॉर्ड बैंटिक ने किया था। पालमपुर में 1852 में हैली नगर टी एस्टेट में चाय के पौधे लगाए गए थे। भौगोलिक स्थिति को बेहतर मानते हुए यहां चाइनीज वैरायटी के पौधे लगाए गए हैं और ये आज भी मौजूद हैं।


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