ऐसी योजनाएं बनाओ कि विकास में बाधा न बने फॉरेस्ट एक्ट
कांगड़ा जैसे नॉन ट्राइबल एरिया में रहने वाले अनुसूचित जनजाति के लोगों को एक बराबर सुविधाएं व बजट मिले इसके लिए भी आयोग पहल करेगा।
पालमपुर, जेएनएन। अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में विकास में जहां फॉरेस्ट एक्ट बाधा बन रहा है, वहां पर नियम बाधा न बने इसके लिए उचित व्यवस्था करने का प्रावधान किया जाएगा। साथ ही जिला कांगड़ा जैसे नॉन ट्राइबल एरिया में रहने वाले अनुसूचित जनजाति के लोगों को एक बराबर सुविधाएं व बजट मिले इसके लिए भी आयोग पहल करेगा। यह बात अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य हर्षद भाई वासवा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कांगड़ा जैसे नॉन ट्राइबल क्षेत्र में जो अनुसूचित जाति से संबंधित लोग रहते हैं, उनको बेहतर सुविधाएं देने के लिए आयोग की टीम इस क्षेत्र के दौरे पर है। उन्होंने कहा कि नॉन शेड्यूल में जो लोग ट्राइबल में आते हैं उसके लिए अलग से व्यवस्था है तथा स्टेट या केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाले फंड से इन क्षेत्रों का विकास हो सकता है।
इसी कड़ी में उन्होंने लोगों की समस्याओं को जानने के लिए बंदला गांव का दौरा किया तथा वहां जो भी समस्याएं सामने आई है उनको हल करने के लिए अधिकारियों से भी बात की है। उन्होंने कहा कि गांव में रास्ते की समस्या है जिसे प्रमुखता से हल करने के लिए भी सुझाव संबंधित अधिकारियों को दिए हैं। ट्राइबल प्ला¨नग विभाग में विभिन्न विभागों के अधिकारी एक साथ बैठकर समस्याओं पर मंथन करें तथा उसके बाद आगामी योजना बनाएं इस मौके पर अनुसूचित जनजाति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष त्रिलोक कपूर, मनोज मिश्रा, जिला वेलफेयर अधिकारी रमेश, जिलाध्यक्ष विनय शर्मा, मंडलाध्यक्ष संजीव सोनी, गद्दी यूनियन महामंत्री, बंदला के प्रधान विजय भट्ट, दयोल के प्रधान अनिल शर्मा, ग्वालटिक्कर के प्रधान राकेश कुमार आदि मौजूद थे।