Move to Jagran APP

वनरक्षक होशियार की दादी का दर्द, हेल्पलाइन शुरू कर दी पर पोते को चार साल बाद नहीं मिला न्याय

वनरक्षक होशियार सिंह की दादी हिरदी देवी ने यह पीड़ा जाहिर की है कि सरकार ने पोते के नाम पर हेल्पलाइन तो शुरू कर दी लेकिन चार साल बीत जाने के बाद भी न्याय नहीं दिला पाई है। मरने से पहले अगर न्याय मिल जाता तो मुझे भी सुकून मिलता।

By Vijay BhushanEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 11:45 PM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 11:45 PM (IST)
वनरक्षक होशियार सिंह की दादी हिरदी देवी। जागरण

गगन सिंह ठाकुर, थुनाग। 'सरकार ने पोते के नाम पर हेल्पलाइन तो शुरू कर दी, लेकिन चार साल बीत जाने के बाद भी होशियार सिंह को न्याय नहीं दिला पाई है। मेरे मरने से पहले अगर न्याय मिल जाता तो मुझे भी सुकून मिलता।Ó यह पीड़ा जाहिर की है वनरक्षक होशियार सिंह की दादी हिरदी देवी ने।

loksabha election banner

उनका कहना है कि जयराम ठाकुर के मुख्यमंत्री बनने से उम्मीद जगी थी कि जल्द न्याय मिलेगा। सीबीआइ कई बार करसोग के जंगल खंगाल चुकी है, लेकिन आज तक यह पता नहीं चल पाया कि होशियार सिंह की मौत कैसे हुई थी। पूर्व कांग्रेस सरकार ने हिरदी देवी को आजीवन पेंशन तो लगा दी, लेकिन उसके बाद किसी ने उसका हालचाल पूछना उचित नहीं समझा। 75 साल की हिरदी देवी को रोजाना कई समस्याओं से जूझना पड़ता है।

नौ जून 2017 की सुबह होशियार सिंह की दादी हिरदी देवी व स्वजन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था जब होशियार सिंह का शव करसोग के जंगल में पेड़ पर उलटा लटका मिला था। उसकी मां और पिता भी इस दुनिया में नहीं हैं। दादी हिरदी देवी ने ही उसकी परवरिश की थी। वह दादी के साथ ही रहता था। होशियार सिंह की मौत के बाद हिरदी देवी अपने छोटे बेटे परस राम के साथ रहने लगी थी। तीन साल से अकेली ही रह रही है।

चाचा परस राम बताते हैं कि होशियार सिंह के झरोठी गांव के पैतृक मकान में आज भी अजीब सा सन्नाटा है। उनके भतीजे का चतुर्थ वार्षिक श्राद्ध नजदीक है, लेकिन न्याय कब मिलेगा इसका कोई भरोसा नहीं मिल रहा है।

जल्द होगा चतुर्थ वार्षिक श्राद्ध

हिरदी देवी ने बताया कि होशियार ङ्क्षसह की मौत को चार साल हो गए हैं। रीति-रिवाजों के अनुसार पंडित से पूछ कर श्राद्ध करते हैं। आने वाले दिनों में चतुर्थ वार्षिक श्राद्ध की तिथि तय की जाएगी। पूजा पाठ कर होशियार की आत्मा की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना की जाएगी।

मामले में कब, क्या हुआ था

05 जून 2017 को वनरक्षक होशियार सिंह लापता हुआ था।

08 जून 2017 को पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की।

09 जून 2017 को सुबह दस बजे होशियार सिंह का शव पेड़ पर उलटा लटका मिला, केस दर्ज।

11 जून 2017 को पोस्टमार्टम के आधार पर हत्या की धारा बदली गई। इसके बाद सराज के लोग सड़कों पर उतर आए।

14 जून 2017 को जंजैहली में सड़क पर जन सैलाब उतर आया, सीबीआइ जांच मांगी।

28 अक्टूबर 2017 को होशियार मामला सीबीआइ को सौंपा। तीन एफआइआर दर्ज। मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है।

भाजपा सरकार ने शुरू की होशियार हेल्पलाइन

भाजपा ने सत्ता में आने के बाद होशियार हेल्पलाइन शुरू की है, ताकि वन माफिया के खिलाफ शिकायत आसानी से सरकार तक पहुंच सके।

अभी सड़क तक पहुंचने के लिए चलना पड़ता एक घंटा

होशियार सिंह का पैतृक गांव झरोठी आज भी सड़क सुविधा से वंचित है। सराज हलके के इस गांव से सड़क तक पहुंचने के लिए करीब एक घंटा लगता है। बुजुर्ग दो घंटे तक सड़क तक पहुंच पाते हैं। साल पहले होशियार सिंह की दादी को पेट दर्द की शिकायत होने पर जंजैहली अस्पताल पीठ पर उठाकर ले जाना पड़ा था।

अकेली रहती हूं, अंदर-बाहर आने जाने में भी दिक्कत होती है

होशियार सिंह की दादी हिरदी देवी बोलीं, 'बूढ़ी हूं, अकेली रहती हूं। कोई पानी के लिए पूछने वाला भी नहीं है। अंदर-बाहर जाने में बहुत दिक्कत होती है। शौचालय तक की सुविधा नहीं है। शौच के लिए जंगल जाना पड़ता है।Ó


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.