अन्य राज्यों में पढ़े हिमाचली छात्रों को प्रदेश संस्थानों में दाखिला न देने के फैसले को वापस ले प्रदेश सरकार
ज्वालामुखी विकास सभा दिल्ली के प्रधान अमर चंद कमल महासचिव राकेश चंद्र व सभी सदस्यों ने प्रदेश सरकार से अनुरोध किया है कि अन्य राज्यों में पढ़े हिमाचली छात्रों को प्रदेश संस्थानों में दाखिला न देने के प्रदेश सरकार के इस फैसले को जल्द वापस लिया जाए।
ज्वालामुखी, जेएनएन। ज्वालामुखी विकास सभा दिल्ली के प्रधान अमर चंद कमल, महासचिव राकेश चंद्र व सभी सदस्यों ने प्रदेश सरकार से अनुरोध किया है कि अन्य राज्यों में पढ़े हिमाचली छात्रों को प्रदेश संस्थानों में दाखिला न देने के प्रदेश सरकार के इस फैसले को जल्द वापस लिया जाए।
प्रधान अमर चंद कमल व महासचिव राकेश चन्द्र ने बताया अन्य राज्यों में पढ़े हिमाचल के बच्चों के लिए एमबीबीएस और बीडीएस में स्टेट कोटा खत्म कर दिया गया है। कोटे के लिए अब आठवीं, दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं की चार परीक्षाओं में से दो हिमाचल से पास करना अनिवार्य कर दिया गया है। सूबे से बाहर प्राइवेट नौकरी या कारोबार करने वाले हिमाचलियों के बच्चों पर यह शर्त लागू है।
सरकारी कर्मचारियों और जवाहर नवोदय विद्यालय के बच्चों पर यह शर्त लागू नहीं है। अभी तक हिमाचल मूल के सभी लोग सूबे के मेडिकल और डेंटल कॉलेजों की सीटों के स्टेट कोटे के लिए पात्र होते थे।राज्य के बाहर प्राइवेट नौकरी-कारोबार करने वाले हिमाचलियों के बच्चे स्टेट कोटे से एमबीबीएस और बीडीएस में आवेदन करते थे। भले ही उन्होंने पढ़ाई बाहरी राज्यों से ही क्यों न की हो।
पात्रता नियमों में बदलाव के पीछे सरकार का तर्क है कि इससे प्रदेश में पढ़े होनहारों को मौका मिल सकेगा । लेकिन प्राइवेट जॉब कर रहे माता-पिता का आरोप है कि अगर इस नियम में सरकारी कर्मचारियों को छूट है तो उनके बच्चों के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है। इसलिए सभा प्रदेश सरकार से मांग करती है कि इस फैसले को सरकार जल्द से जल्द वापिस ले और हिमाचल से बाहर पढ़े हिमाचली छात्रों को भी बराबर हक मिल सके।