Move to Jagran APP

रंगड़ों के हमले में बच्‍ची के बाद मां की भी मौत, आइजीएमसी में दादी की हालत गंभीर

Bee attack karsog रंगड़ों के काटने से तीन साल की बच्ची की मौत हो गई जबकि दो महिलाओं की हालत नाजुक बनी हुई है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sat, 19 Oct 2019 10:48 AM (IST)Updated: Sat, 19 Oct 2019 01:28 PM (IST)
रंगड़ों के हमले में बच्‍ची के बाद मां की भी मौत, आइजीएमसी में दादी की हालत गंभीर
रंगड़ों के हमले में बच्‍ची के बाद मां की भी मौत, आइजीएमसी में दादी की हालत गंभीर

करसोग, जेएनएन। मंडी जिला के करसोग उपमंडल की शाहोट पंचायत के स्यांजली गांव में रंगड़ों के काटने से तीन साल की बच्ची की मौत हो गई जबकि दो महिलाओं की हालत नाजुक बनी हुई थी। शनिवार को उपचार के दौरान बच्‍ची की मां की भी मौत हो गई। इन्‍हें कल ही आइजीएमसी शिमला रेफर किया गया था। बच्‍ची की दादी की हालत भी गंभीर बताई जा रही है। तीन वर्षीय शिवानी वीरवार शाम साढ़े पांच बजे के करीब दादी व मां के साथ खेत गई हुई थी। खेत में जैसे ही सास-बहू ने घास काटना शुरू किया, उसी समय घास के बीच से निकले रंगड़ों ने हमला कर दिया।

loksabha election banner

एक साथ बड़ी संख्या में रंगड़ों के हमला करने से सास-बहू व बच्ची को संभलने का मौका तक नहीं मिला। बच्ची का पिता सेब सीजन के लिए किन्नौर गया हुआ है। महिलाओं के चिल्लाने की आवज सुनकर गांव वाले मौके पर पहुंचे। धुआं डालकर रंगड़ों को भगाया। इसके बाद ग्रामीणों ने पीठ पर उठाकर तीनों को गाड़ी तक पहुंचाया। उन्हें रात करीब सवा नौ बजे करसोग अस्पताल पहुंचाया। इस दौरान बच्ची की मौत हो गई। महिलाओं को प्राथमिक उपचार के बाद आइजीएमसी रेफर किया गया। 25 वर्षीय कौशल्या देवी की आज मौत हाे गई व उसकी 50 वर्षीय सास रोशनी देवी की हालत गंभीर बनी हुई है। थाना प्रभारी करसोग रंजन शर्मा ने मामले की पुष्टि की है।

हर साल आते हैं रंगड़ों के काटने के मामले

करसोग में हर साल किसी न किसी क्षेत्र से रंगड़ों के काटने के कई मामले आते हैं। खासकर अक्टूबर में घास व फसल कटाई के सीजन में इस तरह के मामले सबसे अधिक होते हैं। फसल कटाई के वक्त रंगड़ों के हमले का अधिक खतरा रहता है। इस दौरान कई लोगों की मौत भी हो चुकी है।

प्रशासन की तरफ से परिवार को नहीं मिली कोई राहत

रंगड़ों के काटने से हुई बच्ची की मौत पर परिवार को प्रशासन की ओर से कोई राहत प्रदान नहीं की गई है। एसडीएम करसोग सुरेंद्र कुमार ठाकुर का कहना है नियमों में रंगड़ों के काटने से हुई मौत पर राहत का कोई प्रावधान नहीं है।

रंगड़ से बचाव के उपाय

  • रंगड़ के काटने के तुरंत बाद कांटे निकाल दें।
  • कोई भी घरेलू नुस्खा न अपनाएं।
  • मरीज को तुरंत अस्पताल पहुंचाएं।
  • एक महीने के बाद जांच अवश्य करवाएं।
  • खेतों में पूरे कपड़े पहनकर जाएं। 
  • घास काटने से पहले पूरी तरह से जांच कर लें। (जैसा कि मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. सुरेंद्र ठाकुर ने दैनिक जागरण को बताया)

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.