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बैजनाथ में चार क्विंटल मक्खन से होगा भोले बाबा का श्रृंगार, सात दिन तक दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु

Ghritmandal Parv मकर संक्रांति पर शिवलिंग का चार क्विंटल मक्खन से शृंगार किया जाएगा।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 13 Jan 2020 09:33 AM (IST)Updated: Mon, 13 Jan 2020 02:48 PM (IST)
बैजनाथ में चार क्विंटल मक्खन से होगा भोले बाबा का श्रृंगार, सात दिन तक दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु
बैजनाथ में चार क्विंटल मक्खन से होगा भोले बाबा का श्रृंगार, सात दिन तक दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु

बैजनाथ, जेएनएन। ऐतिहासिक शिव मंदिर बैजनाथ में मकर संक्रांति पर शुरू होने वाले सात दिवसीय घृत पर्व के लिए मुख्य पुजारी धर्मेंद्र शर्मा दिवाकर, अजय शर्मा, उमाशंकर एवं ट्रस्टी तैयारियों में जुट गए हैं। मकर संक्रांति पर शिवलिंग का चार क्विंटल मक्खन से शृंगार किया जाएगा। पुजारी धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि 14 जनवरी की रात घृतमंडल तैयार किया जाएगा। देसी घी को ठंडे पानी में 101 बार धोकर मक्खन तैयार  किया जाएगा। पुजारियों के अनुसार, सात दिन तक लोग शिवलिंग पर चढ़े घृतमंडल का दर्शन करते हैं और बाद में इसे उतारकर श्रद्धालुओं में प्रसाद स्वरूप बांटा जाता है।

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माना जाता है कि मक्खन रूपी प्रसाद से चर्म रोग दूर होते हैं। मान्यता है कि कैलाश पर्वत पर सर्दी पडऩे पर भगवान भोले शंकर यहां आकर निवास करते हैं और उन्हें आराम देने के लिए शिवङ्क्षलग पर शुद्ध घी से तैयार किए गए मक्खन का लेप लगाया जाता है। मंडी के राजा भीमसेन भी घृत मंडल चढ़ाने बैजनाथ से आते थे। उन्होंने शिवङ्क्षलग को मंडी स्थित भूतनाथ मंदिर में स्थापित करने के लिए उखाडऩे की कोशिश की थी लेकिन मां गौरी सहित भोलेनाथ ने दर्शन देकर बता दिया कि शिवङ्क्षलग को उखाडऩे की कोशिश की तो सर्वनाश हो जाएगा। इसके बाद राजा भीमसेन ने भूल को सुधारने के लिए यहां मकर संक्रांति पर मक्खन का लेप लगाने की परंपरा शुरू की थी और यह आज भी जारी है।


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